रविवार, 27 दिसंबर 2020

श्रुति का चयन सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर हुआ।


मथुरा। मन मे दृण इच्छा शक्ति हो कुछ कर गुजरने की तम्मन्ना हो तो कोई भी बाधा लक्ष्य प्राप्ति को नहीं रोक सकती यही साबित कर दिखाया  किसान की बेटी  कुमारी श्रुति सिंह ने   । किसान श्री राम लागू की पुत्री श्रुति का  सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर चयन हुआ है। कड़ी मेहनत और माता पिता के आशीर्वाद से नर्सिंग की है  किसान पुत्री के चयन से परिवारी जन ही नही अपितु गांव व क्षेत्र के लोगो का गर्व से सीना चौड़ा हो गया है।

श्रुति गांव चामड़ भैया तहसील इगलास जिला अलीगढ़ की निवासी हैं यहां मथुरा में सोंख रोड पर अपनी बहन के पास रह रह रहीं हैं । 

श्रुति की प्राथमिक शिक्षा गाँव  भइयाँ के विद्यालय महृषि दयानंद सरस्वती विद्या आश्रम मे ही हुई है इंटरमीडिएट राम नगरिया बोहरे हरि सिंह इंटर कॉलेज से किया है 

स्कूल ऑफ नरसिंग एम बी एस हॉस्पिटल कोटा डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल से किया है।

श्रुति ने कहा कि मेडिकल लाइन में जा कर देश और समाज की सेवा करने की इच्छा थी बहन बबीता ने हिम्मत और साहस दिया एवम  माता पिता और भाई के योगदान से यहां तक पहुंचने में सफलता प्राप्त हुई ।

उनकी बहन बबिता सिंह बेहद गर्व महसूस कर रहीं हैं

पिता श्री राम सिंह ने कहा कि बेटी की पढ़ाई में किसी चीज की कमी नहीं आने दी आज वह अपनी मेहनत और लगन से इस मुकाम पर पहुंची है बेटी ने हमें गौरवान्वित किया है गांव के साथ जिले का नाम रोशन किया है बेटियो को अवसर दिया जाए तो वह कुछ भी कर सकतीं हैं।



शनिवार, 26 दिसंबर 2020

आलंबन ट्रस्ट की ब्रांड एंबेसेडर बनी बालीवुड अभिनेत्री शीतल खांडल



 आलंबन ट्रस्ट की ब्रांड एंबेसेडर बनी बालीवुड अभिनेत्री शीतल खांडल

बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान को स्पोर्ट करेंगी बालिका वधू की गहना

नई दिल्ली। टीवी सीरियल बालिका वधू में गहना का किरदार निभाने वाली बॉलीवुड अभिनेत्री शीतल खंडल ने आज आलंबन चैरिटेबल ट्रस्ट के ब्रांड एंबेसडर के रूप में जुड़ना स्वीकार किया । ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष योगराज शर्मा से हुई मुलाकात के बाद उन्होंने आलंबन चैरिटेबल ट्रस्ट के साथ अपना सहयोग शुरू किया। उन्होंने बताया कि जन सेवा समाज सेवा और देश सेवा के उद्देश्य से और विशेष रूप से हमारे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान से आकर्षित होकर उन्होंने आलंबन चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़ना स्वीकार किया । अभिनेत्री शीतल खांडल का बालिका वधू का गहना किरदार जहां बहुत ही कामयाब हुआ, वहीं वारियर सावित्रि फिल्म में उनके रोल की जमकर सराहना हुई। इसके अलावा उनकी बहुत सी राजस्थानी फिल्में और वीडियो एलबम मशहूर हुए। दर्जनो अवार्डस से नवाजी गई शीतल बहुत जल्दी ही बेहतरीन बालीवुड वेब सीरिज में दिखाई देंगी। यहां आपको बता दें कि आलंबन चैरिटेबल ट्रस्ट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्य कर रहा है और यूनाइटेड नेशन सिविल सोसाइटी में भी लिस्टेड है । इसी ट्रस्ट की मीडिया कंपनी जर्नलिस्ट टुडे नेटवर्क, द 24x7 न्यूज चैनल, इंडियन न्यूज ओनलाइ, आज की दिल्ली मैग्जीन और प्रोडक्शन हाउस योगराज फिल्म्स एंड फैशन देश भर में बेहतरीन कार्यो के लिए चर्चा में है। इसी ट्रस्ट के अंतरगत अब तक 56 अवार्डस व फैशन सो, 36 शोर्ट फिल्मों और 31 वीडियो एलबम का निर्माण हो चुका है।

रविवार, 20 दिसंबर 2020

मॉडलिंग में अवसर - योगराज शर्मा




मॉडलिंग को करियर बनाने में युवाओं की बढ़ती रुचि-  योगराज शर्मा, मॉडलिंग, एक्टिंग एक्सपर्ट व ट्रेनर।

फैशन जगत आधुनिक युवाओ की पहली पसंद बनता जा रहा है। पर्सनेलिटी डेवलपमेंट से लेकर मॉडलिंग एक्टिंग की तरफ युवाओ का बढता रुझान ही है कि हर महानगर, शहर और कस्बे में फैशन व मॉडलिंग इंस्टीट्यूटस की संख्या बढती जा रही है। इस बारे में जानकारी देते हुए मॉडलिंग, व फैशन ट्रेनर योगराज शर्मा बताते हैं कि टीवी में आते विज्ञापन और शहर के हर कोने में लगने वाली होर्डिग्स में चमकते, मुसकराते, अदाओं से लबरेज, बरबस अपनी ओर निगाह मोड़ने को मजबूर करते हसीन चेहरों को हर कोई देखता है और चाहता है कि उसके पास भी वह चमक हो। यकीनन उनकी तरह बनने का सपना बहुत से युवा देखते हैं और कोशिश करते हैं कि इन विज्ञापनों के फोटो में वो दिखाई दें।   करियर के तौर पर मॉडलिंग का इस कदर चलन बढ़ा है कि महानगरों से लेकर छोटे शहरों तक सपनों की सुनहरी रेखा देखी जा सकती है। क्या पटना क्या लखनऊ, क्या मुंबई क्या बुलंदशहर, हर शहर के नौजवान मॉडल बनना चाहते हैं। सब मॉडलिंग की दुनिया में सुष्मिता, ऐश्वर्या, प्रियंका, कंगना, जॉन अब्राहम, मिलिंद सोमन की तरह नाम कमाना चाहते हैं और मॉडलिंग के बहाने फिल्मों की दुनिया में भी अपनी जगह बनाना चाहते हैं। आइए हम मदद करते है आपकी इस विषय में जरुरी पांच टिप्स देकर।



(1) मॉडलिंग कहा से करे और कैसे सीखे ?

मॉडल बनने से पहले यह जान लो की मॉडल का काम क्या होता है ? दोस्तों एक मॉडल किसी भी कंपनी के प्रोडक्ट को प्रमोट करता है और उनका बिज़नेस आगे बढ़ाने में हेल्प करता है। यह प्रमोशन का काम मॉडल प्रोडक्ट के साथ फोटोशूट या वीडियो द्वारा करता है । अब इन प्रमोशन के काम को इस तरह से करना होता है की लोग आपके द्वारा आकर्षित हो कर प्रोडक्ट को खरीदने में इंट्रेस्टेड बने। जैसे आपने देखा होगा महंगी कार्स को फीमेल मॉडल प्रमोट करती है। अब अगर आप इस तरह का मॉडलिंग सीखना चाहते है तो किसी मॉडलिंग स्कूल से 3 महीने का कोर्स करना पड़ेगा। मॉडलिंग स्कूल वाले काम दिलाने की गारंटी तो नहीं देते पर काम सिखाने की पूरी गारंटी देते है।

मॉडलिंग स्कूल को ज्वाइन करने के लिए अपने सिटी के नाम के साथ गूगल पर सर्च कर लीजिये जैसे की मॉडलिंग स्कूल इन दिल्ली ! अगर आप महंगी फीस के कारन मॉडलिंग स्कूल जॉइन नहीं कर पाते है तो हमारे योगराज फिल्म्स एंड फैशन, दिल्ली मे आकर भी ये कला सीख सकते है । 

(2) मॉडलिंग के लिए हाइट/वेट क्या होना चाहिये

मॉडलिंग के लिए हाइट या वेइट कितना होना चाहिए ये डिपेंड करता है की आप किस तरह की मॉडलिंग लाइन में प्रवेश कर रहे है। जैसे अगर पुरुष फिटनेस मॉडल बनाना चाहते है तो हाइट 5.7 से ज्यादा और वेइट 65 से ज्यादा होना चाहिए। इन्शोर्ट आप बस इतना याद रख लीजिये की किसी भी तरह की मॉडलिंग में अच्छी फिटनेस होना जरुरी है। और अच्छी फिटनेस के साथ मिनिमम हाइट 5.7 और मिनिमम वेइट 58 होना चाहिए।

अब फीमेल मॉडल के लिए मिनिमम हाइट 5.2 और मिनिमम वेइट 42 होना चाहिए। बहुत से लोगो की हाइट कम है और वो लोग भी इस फील्ड में एंटर करना चाहते है तो उन्हें में यही कहना चाहुगा की आप सबसे पहले हाइट बढ़ाने के तरीके पोस्ट पढ़ कर अपनी हाइट ग्रोथ कर लीजिये।

(3) क्या मॉडलिंग में करियर बना सकते है 

हा दोस्तों आप मॉडलिंग में अपना करियर बना सकते है। बस आपको मॉडलिंग को अच्छे से समझना है और सीखना है। दोस्तों इस फील्ड में आने के लिए किसी भी डिग्री या क्वालिफिकेशन की जरुरत नहीं है। मगर फिर भी आप मिनिमम 12th तक पढ़े हो तो अच्छी बात है क्यों की यह बेसिक एजुकेशन आपको कही पर भी काम आ सकता है। दूसरा सवाल है मॉडलिंग जॉब्स कैसे पा सकते है। तो दोस्तों अगर एक बार आप मॉडलिंग सिख लेते है तो एजेंसी द्वारा आपको जॉब्स पर भी रखा जा सकता है। और यदि कोई जॉब नहीं मिलती तो खुद के काम को सोशल साइट द्वारा भी प्रमोट किया जा सकता है। 

(4) खुद को मॉडल बनाने में पैसे कितने इन्वेस्ट होंगे

चलो सब बातें समझ में आती है की मॉडलिंग सीखना है स्कूल जॉइन करना है लेकिन यह सब फ्री में तो नहीं होने वाला। तो अब इसमें पूरा खर्चा कितना होगा या कितने पैसे इन्वेस्ट होंगे मॉडलिंग स्कूल की फीस में? तो दोस्तों 3 महीने के लिए मॉडलिंग स्कूल वाले 20 से 50 हजार तक वसूल कर सकते है। और पोर्टफोलिओ फोटोशूट का 10 से 20 हजार तक का खर्चा हो सकता हिअ। इसलिए आप मान के चलिए 3 महीने में 50 से 60 हजार रुपये लगाने पड़ेगे।

जैसे जैसे आप इस फील्ड को जानेगे इसमें आपको कुछ ऐसे भी फ्रॉड लोग मिलेंगे जो कहेगे की आप सिर्फ दस हजार लगा लो, आपको बिना सीखे काम मिल जायेगा। तो दोस्तों कृपया कर के ऐसे सस्ते शॉर्टकट के चक्कर में मत पड़ना वरना लोग आपको बेवकूफ बना कर चले जायेगे।

(5) बिना पैसो के फ्री में मॉडल कैसे बने

में जानता हु मेरे ज्यादातर रीडर्स यही चाहते है की बिना मनी इन्वेस्टमेंट के फ्री में मॉडलिंग सीखा जाये और ये सही भी है। क्यों की आप ही सोचो 3 महीने के लिए 50 हजार लगा दिए और काम की कोई गारंटी भी नहीं है। जब की कुछ तरीके ऐसे है जिसमे आपको पैसे नहीं लगाने और सामने फायदा भी हजारो का है।

अगर आप सच में मॉडल बनना चाहते है तो सबसे पहले अपनी फिटनेस और लुक को अच्छा बनाये। जिसके लिए पर्सनालिटी कैसे बनाये पोस्ट पढ़ सकते है। उसके बाद यूट्यूब पर मॉडलिंग और स्टाइलिस्ट फोटोशूट के वीडियोस देखे। फिर अपना इंस्टाग्राम और फेसबुक पेज बनाये। इस पेज पर खुद के स्टाइलिस्ट फोटोज और वीडियोस अपलोड करते रहे। अगर आपके काम में दम हुआ तो लोग आपको जरूर फॉलो करेंगे।

फाइनल टिप्स

दोस्तों आज कल मॉडलिंग में कम्पटीशन बहुत ज्यादा बढ़ गया है इसलिए में तो यही कहना चाहुगा की किसी मॉडलिंग स्कूल या एजेंसी के चक्कर में पड़ने के बजाय सोशल साइट्स का फायदा उठाये। सोशल वेबसाइट से आप बिना किसी खर्चे के अपने सपनो को पूरा कर सकते है। बस आपको 3 बातों का ध्यान रखना है।

1. सबसे पहले खुद को लुक और फिटनेस से अच्छा बनाये

2. अपने काम को सबसे अच्छा करे यानी की फोटोशूट और वीडियोस

3. एफिलिएट मार्केटिंग करे और पैसे कमाए


धन्यवाद।

योगराज शर्मा, मॉडलिंग, एक्टिंग एक्सपर्ट व ट्रेनर।

रविवार, 6 दिसंबर 2020

बेरोजगार भारत

 बेरोजगार भारत

बेरोजगारी के 'भयावह दौर' की तरफ बढ़ता भारत


दुनिया भर के शासक एवं सत्ताएं अपनी उपलब्धियों का चाहे जितना बखान करें, सच यह है कि आम आदमी की मुसीबतें एवं तकलीफें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इसके बजाय रोज नई-नई समस्याएं उसके सामने खड़ी होती जा रही हैं, जीवन एक जटिल पहेली बनता जा रहा है।अर्थव्यवस्था की सेहत पर जारी होने वाले आंकड़ों को लेकर सरकारे कितनी तत्पर, जागरूक, जवाबदेह और पारदर्शी रही है, देश ने देखा है। पर वे ज़िंदगियां असली हैं जो इस विभीषिका से गुजर रहीं हैं। कोरोना कुछ करे न करे किन्तु अब चुनावों में शायद उन सारे झूठों को तो उघाड़ ही देगा, जिन्हें झुनझुनों की तरह बजाकर वोट बटोरे गये थे।


 विकसित एवं विकासशील देशों में महंगाई बढ़ती है, मुद्रास्फीति बढ़ती है, यह अर्थशास्त्रियों की मान्यता है। पर बेरोजगारी क्यों बढ़ती है? एक और प्रश्न आम आदमी के दिमाग को झकझोरता है कि तब फिर विकास से कौन-सी समस्या घटती है?सारी समस्याएं ज्यों की त्यों काल बनी खड़ी रहती है।जब भी किसी वाजिब मुद्दे ,बेरोजगारी की बात होती है सरकारें आतंकवाद जैसे मुद्दों का प्रचार प्रसार इतनी तेजी से करती है कि देश का युवा लिबरल होने लगता है।भावुक हो जाता है।आतंकवाद की समस्या की आड़ में  ,राष्ट्रवाद की भावना जगाने के नाम पर युवाओं को ठगा जाता है।बलि का बकरा बनाया जाता है।अंततः बेरोजगारी पर कोई चर्चा नही होती मुद्दा बनकर रह जाता है।आश्चर्य की बात है कि भारत जैसे युवा देश मे कभी युवाओं के मुद्दे पर प्रमुखता से चर्चा ही नही होती है।

देश में वोट की राजनीति में केवल तीन अहम पैमाने नजर आते हैैं। पहला जाति, दूसरा मजहब, तीसरा सरकार से मोह भंग यानी एंटी इनकंबैंसी। हिंदुस्तान की सियासत इन तीन मुद्दों पर टिकी है। जाति जन्म से है जिसे बदला नहीं जा सकता। प्रजातंत्र संख्या का खेल है। जिसकी जितनी संख्या भारी उतनी उसकी भागीदारी।


आज बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है।

कोरोनावायरस संकट के दौरान आर्थिक अनिश्चितता के माहौल में लाखों मज़दूरों का पलायन इस संकट का पहचान सी बन गयी हैं. लॉकडाऊन के दौर में ठप्प पड़ी अर्थव्यवस्था की वजह से करोड़ों मज़दूरों और कर्मचारियों का रोज़गार छिन गया है. भारतीय अर्थव्यवस्था पर नज़र रखने वाली संस्था सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी ने अपने ताज़ा आंकलन में दावा किया है कि

भारत की बेरोजगारी दर अक्तूबर माह में तीन साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने बेरोजगारी दर 8.5 फीसदी रही, जो कि अगस्त 2016 के बाद का सबसे उच्चतम स्तर है। यह इस साल सितंबर में जारी किए गए आंकड़ों से भी काफी ज्यादा है। 


 नए रोजगार के अवसर नही रिक्त पदों पर  भर्ती नही।ऐसे में फ्री वैक्सीन का एलान कितना सही और सार्थक है।आप फ्री फ्री का लालच देकर देश की युवाओं को निठल्ला न बनाइये।रोजगार दीजिये।इतना काम दीजिये की उनकी हैसियत खुद कमा कर वैक्सीन खरीदने की हो।जनता के टैक्स का पैसा सरकारें चुनावी वक्त पर फ्री -फ्री का स्कीम निकाल कर लुटाती रही हैं।आखिर क्यों चर्चा नही होती इन मुद्दों पर ?क्यों भटकाया जाता हमेशा युवाओं को?रोजगार हींन युवाओं की जिस देश मे अधिकता होगी वहां अपराध और भ्रष्टाचार बढ़ेगा।

बिहार में प्रचार रैली में दस लाख नौकरी की बात कही गई है।अब यह कितना सच साबित होता यह सरकार बनने के बाद पता चलेगा,किन्तु बदहाली इतनी चरम पर है कि जनता ने सिर्फ इसी मुद्दे पर भरोसा कर महागठबंधन को वोट दिया।एग्जिट पोल्स के अनुसार महागठबंधन को युवा वोट ने बढ़त दी है।देखना यह है कि क्या एकबार फिर युवा ठगे जाएंगे।पिछले आम चुनाव में भी प्रतिवर्ष दो करोड़ नौकरी देने के वादे कर वोट हासिल किया गया ।क्या मिली नौकरी?मुद्रा लोन देकर उसे नौकरी देने का हवाला दे दिया।


हम बंगले टूटने पर चिंता जाहिर करते, बदले की राजनीति में एड़ी चोटी एक कर देते,ग्लोबल मुद्दों पर चर्चा करते,सुपर पावर की बात करते हैं,किन्तु देश के युवा भूखे मर रहे इनकी चिंता कब करेंगे?


सीमा घोष

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सहयोग समिति संस्था क्या है

सहयोग समिति क्या है? सहयोग समिति एक सामाजिक संस्था है जो अधिनियम 21,1860 के अंतर्गत पंजीकृत है पंजीकरण संख्या 2496/2005-2006 है। जि...