रविवार, 7 नवंबर 2021

योगिराज में गौ माता की दशा सुधरी या दुर्दशा हुई?

 योगिराज में गौ माता की दशा सुधरी है या दुर्दशा हुई है इस पर सही राय किसानों से पूछी जाए तो असलियत सामने आएगी।

गौ माता में 33 कोटि देवी देवताओं का वास होता है , माना जाता है 84 लाख योनियों के बाद आत्मा गौ माता के रूप में वास करती है , यह आत्मा की विश्राम अवस्था होती है इस लिए गौमाता को पूजा जाता है। 

भगवान श्री कृष्ण गौ माता की सेवा करते थे और पूजते थे उनके अधिकतर चित्रके गौमाता साथ ही नज़र आती हैं जिससे हिन्दू धर्मके गौ माता को उच्च स्थान प्राप्त है,

गाय का दूध और गौ घृत तो औषधीय है ही है , गौ मूत्र अनिल बीमारियोंके लाभकार बताया जाता है, गे का गोबर भी जैविक खाद बनाने के काम आता है।



यह भी कहा जाता है गाय ही ऐसा जीव है जो ऑक्सीजन ग्रहण करता है ऑक्सीजन ही छोड़ता है।

गौ सेवा सभी पुण्य से बढ़कर है सृष्टि की सुरक्षा गौ सेवा करने से ही सम्भव है।

योगिराज में गौ कशी पर रोक लगाने का अच्छा प्रायास किया गया परंतु यह आधा अधूरा प्रायास किसानों के लिए सर दर्द बन गया।

किसानों को योगिराज में कड़कती ठंड में बहुत ही ज्यादा कष्टदायक रहा जब किसानों को अपनी फसलों की सुरक्षा ले सारी सर्द रातो में अपने खेती की रखवाली में बितानी पड़ीं।इधर गौ मक़तक़्क़ कक भी लागातार तिरस्कार होता रहा है हज़ारो की संख्या में गौवंश भूख और प्यास से दम तोड़ता रहा ,

कुछ क्रूर किसानों ने गौ माता में भाला एवम अन्य धारदार हथियारों से प्रहार किया। अनेक घाव दिए अनेक जगहों में जानलेवा हमले हुए, 

सरकार के प्रायास पूर्वनोयोजित योजनाबद्ध तरीके से क्रियान्वित नहीं हुए । बिना होमवर्क किये बस एक आदेश पारित कर थोपने का कार्य किया गया है।

गुरुवार, 4 नवंबर 2021

योगिराज में भ्रष्ट पुलिसकर्मी जनता का शोषण कर रहे हैं -मृदुल शर्मा

मित्रो दिनाक 1/10/2021 को जब हम बलदेव में निवास कर रहे हैं और हमारा सामान 20 वर्ष की कमाई गाँव नगला मोहन जुगसना मथुरा में बहन अनुराधा द्वारा रचे षडयंत्र के तहत पिता ब्रजनारायन मा सुधा भाई हिमांशु इनलोगो सपोर्ट करने वाले श्यामेन्द्र मिश्र व मुरारी नारायण आदि द्वारा हड़प ने का प्रायास किया जा रहा है जैसा कि सभी को मालूम है हमारा सामान घर पर ही है बच्चो के कपड़े तक घर पर हैं सर्दियां शुरू हैं इनलोगो द्वारा घर मे प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा यहां चौकी प्रभारी प्रवल प्रताप सिंह भी सारा मामला जानते हुए भी बस मीठा बोल कर टाइम पास कर रहे हैं अनेक शिकायतों के बाबजूद हमारी लायसेंसी राइफल भी हमे बरामद करा कर नही दी गयी कल प्रबल प्रताप सिंह को फोन द्वारा सूचना दी गयी तो उनका कहना यह था कि घर मत जाओ वो लोग झूठा मुकदमा लगा सकते हैं एस ओ बलदेव नरेंद्र यादव  तो बात तक सुनने को तैयार नहीं हैं इतने समय मे अब तक पुलिस द्वारा हमारी कोई बात नही सुनी गई सभी शिकायते अब कोर्ट में लंबित हैं पैसे लेकर उक्त पुल्स अफसर उनके पक्ष में रिपोर्ट लगा रहे हैं और फ़र्ज़ी रिपोर्ट हमारे खिलाफ तुरंत लिखते हैं यह लोग हमें फ़र्ज़ी मुकदमो में फसाने में पूरी तरह उनलोगों का साथ देनेके संलिप्त हैं इनलोगों को यह नहीं मालूम जिस व्यक्ति से यह लड़ाई लड़ रहे हैं वह इनकी वर्दी भी उतरवा देगा कितना षडयंत्र रचेंगे कितने झूठे मुकदमे लिखेंगे और किस कानून के तहत घर जाने से रोकेंगे ?  अभी इनकी कानून व्यवस्था देखी जा रही है कानून का डंडा जब इन सब पर चलेगा तबबइन्हे अपनी औकात याद आएगी अभी पैसे के घमंड में परिजन और वर्दी के घमंड में पुलिसकर्मी हैं।
 
हमारी तीन बेटियां 2 जोड़ी कपड़ो में वह भी गर्मी के घर के कपड़ो में पिछले 2 माह से हैं हम अकेले ही रह कर प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे थे और कानूनी लड़ाई भी लड़ रहे हैं।

आज भावना शर्मा अपनी पत्नी को घर भेजा वहां पहुंचने पर घर का दरवाजा तलाकशुदा बहन अनुराधा द्वारा नहीं खोला गया पिता भी बाहर ही बैठे रहे सारे घटना क्रम का वीडियो हमारी बेटी मान्यता 12 वर्ष द्वारा बनाया गया । 112 नम्बर पर काल कर पुकिसकर्मी आये उन्होंने बात चीत कर घर मे उनकी मोजुदगी में कुछ गरम कपड़े निकाले गए।
राइफल चोरी की शिकायत लगातार करने पर और मामला कोर्ट तक पहुंचने के डर से राइफल चोरों ने हमारी लायसेंसी राइफल  अलमारी में जिसकी चाबी इनपर भी थी कमरे में तीन दरवाजे हैं एक दरवाजा अंदर से खुला हुआ था उसका फायदा उठा कर राइफल घर मे रख दी गयी सम्पूर्ण मामले का वीडियो बनाया गया । राइफल फिर भी लाने नहीं दी देर शाम एस ओ बलदेव को लिखित में शिकायत मेरे द्वारा दे दे गई है । हमारी किचिन 
का ताला तोड़कर किचिन से हमारा खाने पीने का सारा सामान गेस सिलेंडर भी चुरा लिया गया । यह भी लिखित में दे दिया गया परंतु राइफल बरामदगी और सुपुर्दगी के लिए निवेदन कर दिया गया है परंतु भ्रष्ट दरोगा जी अब भी कोई एक्शन नहीं लेंगे इसे इस बात का कदापि आभास नहीं है जब कानून उन्हें लपेटे में लगा तो न वो कुछ कर पायेगा ना उनकी वर्दी।
भ्रष्टाचार चरम पर है जब से लगभग वर्ष 2004 से समाजसेवा में उतरे हैं थाने चौकी गए है लोगो को न्याय दिलाने में सफल हुए हैं कोई भी केस ऐसा नहीं जिसमे न्याय ना मिला हो यहां तक कि पुलिसकर्मियों को उच्च अधिकारियों को भी दंडित करा चुके हैं।

मित्रो आप मे से बहुत से लोग इस घटना को पढ़कर या सुन कर हमें दोषी समझ रहे होंगे कह रहे होंगे अपने घर परिवार से माता पिता से ऐसे क्यों लड़ रहे है 
वर्ष 2008 से अनेक धोखे हुए ये धोखे और किसी ने नहीं इन्हीं परिवारी जनों ने किए जिनके लिए जवान लगा दिया सारी कमाई ईमानदारी से इन्हें देते रहे हमारे ही पैसे से हमे खत्म करने हमारे दिए आराम से घर बैठकर हमारे ही खिलाफ पूरा परिवार षडयंत्र रच पिछले 15 वर्ष में हमे खत्म करने हमारी हत्या करने हमारा अस्तित्व खत्म करने में लगे रहे । आज से 4 वर्ष पूर्व इनकी मंशा और इस षड्यंत्र में शामिल लोग खुलकर सामने आगये ।
बात ना संपत्ति की है क्योंकि हमें कोई लालच नहीं बात स्वाभिमान की है बात मान सम्मान और अपमान की है 15 वर्ष से पिता का सममान करते हुए अपने साथ हो रहे छल कपट को अनदेखा करते गए परंतु जब मामला इज्जत पर आजाए हमारे अपमान हमारी पत्नी के साथ अभद्रता बेइज्जती  इस सबके पीछे छोटे भाई बहन चाचा ताऊ उनके बेटे सब हैं पिता तो सिर्फ एक मुखोटा और मोहरा हैं । 
सारी हदें पार कर देने पर , यदि कोई कमजोर होता हो सकता है चुप रह जाता, आत्हत्या कर लेता परंतु हम तो जब तक सांस है लड़ेंगे चाहिए सामने कोई हो दंडित कराएंगे न्याय ले कर रहेंगे।
यदि हमारे साथ या हमारे परिवार के साथ कोई अप्रिय घटना घटित होती है तो इसके लिए डॉ मुरारी नारायण मिश्र, श्यामेन्द्र मिश्र, सत्येंद्र मिश्र और इनका परिवार इनकी पत्नी इनके बच्चे एवम थाना बलदेव के पुकिसकर्मी भी जिम्मेदार होंगे।




सामाजिक कार्यकर्ता को चुनोतियों का सामना करना पड़ता है

 यूं तो लोग जिंदगी भर सिर्फअपने और अपने परिवार के विषय मे ही सोचते हैं परंतु कुछ लोग समाज के लिए देश के लिए भी जीते हैं ।


यह बात अलग है समाज के लिए जीने के लिए संघर्ष करना होता है । यहां हम अपने अनुभव साझा कर रहे हैं जिससे आप सभी को उन अनुभवों से कुछ सीखने को  मिले । ऐसी बहुत बातें है जो आपको कोई नहीं बताएगा हमे तो किसीने बताया नहीं हम तो देश सेवा समाज सेवा में लगे रहे और हमारे अपने हमारे ही घर मे हमारे जीवन भर की कमाई से ऐश करते हुए हमारे विरुद्ध षडयंत्र बनाते रहे, कमजोर करने के लिए अनेक तरीके अपनाए गए 12 वर्ष में योजना बद्ध तरीके से हमे परेशान और बदनाम किया गयाअवसर की प्रतीक्षा में रहे कि कब यह कमजोर हो और हम इसका लाभ उठाएं।

हमने यह महसूस किया कि लोग हमें खुश देखकर कदापि खुश नही थे बल्कि उनकी सोच थी कि जिंदगीभर हम उनके आदेश का पालन करे और उनकी दया पर जीवित रहें, हम रहे स्वाभिमानी और हमारे स्वाभिमान को उन सब ने नाम दिया अभिमान का। बड़ों को सदैव सम्मान दिया है और सम्मान योग्य व्यक्ति को सम्मान देना अच्छा भी लगता है यह अलग बात है हमे किसी की दया का पात्र नहीं बनना सम्मान देकर ना ही कोई मतलब सिद्ध करना है। चापलूसी और चाटुकारिता हमारे व्यक्तित्व में कही नही टिकती।

इन दो वर्षों में हर एक शख्स खुलकर सामने आता जा रहा है उनकी सोच उनके विचार सब। , इस लेख के माध्यम से सभी को बता देना चाहता हूं अपना उसे मानता हूं जिससे कुछ कहने की आवश्यकता ना पड़े और वो हमारी परेशानी समझ जो है जैसा है साथ खड़ा रहे, ना कि उसे की मन ही मन खुश हो बाते मीठी करे मन ही मन प्रसन्न हो कि हां अब  सही है , अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे।

आज दिनांक 02/11/2021 को सुबह थाना बलदेव जाना हुआ जहां हमारे गांव के होमगार्ड मिले नीरज चौधरी और हुक्म सिंह चौधरी , हुकुम सिंह काफी समय बाद मिले , मिलते ही बहुत प्रेम और सम्मान दिया गांव में रास्ते मे जलभराव की शिकायत करने लगे , हमारे मित्र ले पिता है हुकुम सिंह ,हमने अपने मित्र नाहर सिंह की कुशल क्षेम पूछी और गांव आकर स्थिति का मुआयना कर रास्ता सही कराने का आश्वासन दिया चाचा हुकुम सिंह जी ने हमारे द्वारा किये गए पिछले कार्यों की सराहना की । थाने से मालूम हुआ हल्का इंचार्ज प्रबलप्रताप सिंह झरोठा बॉर्डर पर हैं धनतेरस के दिन व्यस्त हैं बहुत वही मुलाकात होगी ।

फोन पर बात हुई उन्होंने कहा यही आ जाओ बैठकर बात करते हैं वहां पहुंच सभी पुलिसकर्मियों से वार्ता हुई सभी का व्यवहार मित्रतावत रहा सभी ने माना कि हमे अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है , वहां हमारे ही गांव के होमगार्ड राजेन्द्र सिंह जी थी हमेशा से सम्माननीय रहे हैं बोले घर की बात निपटा लो भैया जी पिता जी का दिमाग फिर गया है , प्रबल प्रताप जी ने एस ओ बलदेव नरेंद्र यादव जी को बताया मृदुल जिया आये है अपत्नी राइफल मांग रहे हैं और दीपावली घर पर मनाने की बोल रहे हैं , घर जाए और कहीं झगड़ा ना हो जाए वहां , एस ओ बलदेव उधर से बोले पिता पुत्र का मामला है बिठाकर बात कर लो निपटा लो , चौकी इंचार्ज प्रबल प्रताप सिंह ने पपीताजी को फ़ोन किया आप यहां आजाइये बात करते हैं कुछ बोले आधा घन्टा लगेगा पहुंचता हुँ , आधे घण्टे बाद हम पुनः पहुंचे परंतु पुनः फोन किया इस बार जबाब आया कि नही आडकते आज बिजी हैं शाम को देखेंगे ।

हमने इस बीच पुलिस के सभी साथियो से बातें की और कहा पुलिस किरायेदार को तो निकाल नहीं पाती हम घर के मालिकों को कैसे निकाल सकती है? ऐसी कोई रूलिंग हैं कही कि किसीको अपने ही घर जाने से रोका जाए।

वहां मौजूद राजेन्द्र सिंह जी होमगार्ड से हमने कहा लोगो को हमारे संबंध में आपने बताया नहीं है जब पुलिस द्वारा गांव के 200 लोग अज्ञात में लिख कर कार्यवाही की जा रही थी तो सिर्फ हम ही सारे मामले से पूरे गांव के लोगो को निकाल कर लाये किसी से एक पैसा नहीं लिया था ।

अपहरणकर्ता को जिन पुलिसकर्मियों ने छोड़ दिया था उन्हें ससपेंड कराया बदमाश को दुबारा पकड़वाया था डी आई जी होमगॉर्ड पर एक बार बड़ी कार्यवाही कराई भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई ।

ऐसे अनेक कार्य कराये लोगो की मुसीबत में उनके साथ रहे कानून के रास्ते से न्याय दिलाया। 

और अब पुलिस अफसर ये सोचने लगे इन्हें बेबकुफ़ बनाते रहेंगे मीठे बोलेंगे और फर्जी एफआईआर दर्ज कराएंगे और छोटी मोटी कार्यवाही कर इन्हें पाबंद कर देंगे । इससे डर कर ये घर नही जाएगे न्याय नहीं माँगेगे। कोई कार्यवाही नहीं करेंगे केस वापस ले लेंगे , ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला है।

किसी भी परिस्थिति में न्याय लेकर रहेंगे। सभी को हमारा सहयोग करना होगा क्योंकि सच का सहयोग एक न एक दिन करना ही होता है।

वहां उपस्थित सभी ने बात को समझा और स्वीकारा और कहा आप अपनी जगह बिल्कुल सही है कुछ माता पिता भी अपने बच्चों के साथ द्वैषभाव करते हैं और बच्चों को विद्रोह करने पर मजबूर कर देते हैं।

जब सारी सीमाएं खत्म हो जातीं हैं तो मजबूरी में सभी कार्यवाहियां करनी होती हैं और न्याय मिलता अवश्य है भले ही देर से सही। ईश्वर भी न्याय करता है और कानून भी।

शाम को पुनः फोन करके पूछा गया कि पिताजी की कोई खबर आई जबाब आया नहीं कोई फोन नहीं ना ही उनकी उपस्थिति हुई। आप अपनी जगह सही है उनका बुद्धि विवेक समाप्त हो चुका है उन्हें भला बुरा सही गलत कुछ दिखाई नहीं दे रहा है ।

शुभरात्रि 

मंगलवार, 2 नवंबर 2021

दीपावली पर धनवर्षा हो ऐसी मेरी कामना है - मृदुल शर्मा

 आप सभी स्नेही जनों को यथा योग्य अभिनंदन

राष्ट्रीय जागरूक युवा संगठन भारत की ओर से धनतेरस दीपावली, गोवेर्धन पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं।

लक्ष्मी की कृपा आप बनी रहे और आपका जीव धन धान्य से भरपूर रहे । इसी कामना के साथ।





जय श्री कृष्णा 

आपका अपना

मृदुल शर्मा

राष्ट्रीय अध्यक्ष , राष्ट्रीय जागरूक युवा संगठन भारत।

सोमवार, 1 नवंबर 2021

ईश्वर ने हर एक को विशेष कार्य के लिए भेजा है

 ईश्वर ने हर एक व्यक्ति को विशेष कार्यों के लिए भेजा है



हमे लगता है कि हमे अन्याय के विरुद्ध लड़ने के किये भेजा है 

धोखेबाज, भ्रष्टाचारियों , अत्याचारी  लोगो को सबक सिखाने के लिए हमे विशेष रूप से भेजा गया है ,

अब तक के जीवन मे सिर्फ यही कराया है हमसे, इस लेख में संक्षेप में आप सभी पाठकों को कुछ ऐसे ही कार्यों पर प्रकाश डालने जा रहा हूँ। 

हर व्यक्ति का जीवन जीने का अपना ढंग होता है जब देश परतंत्र था तब भगत सिंह , चंद्र शेखर आजाद, राजगुरु , ऐसे अनेक वीर हुए जिन्होंने अपने मान सम्मान देश को स्वतंत्र कराने की खातिर अपनी प्राणों की भी चिंता ना की।

दूसरी ओर ऐसे भी अनेक लोग होंगे जो साधारण जीवन जी कर अपना समय काट कर इस पृथ्वीलोक से विदा हो लिए। उन्हें देश से उसकी समस्याओं से कोई मतलब न रहा होगा ऐसे भी लोग रहे थे जो अंग्रेजो की गुलामी करते थे उनकी वफादारी करते थे।

यह लोगों की अपनी सोच जीने का अपना ढंग है , अपने आसपास के माहौल पर स्थिति परिस्थिति पर भी निर्भर है कि कैसी सोच क्या स्थितियां होती हैं?

खैर समस्याएं सभी के जीवन मे होती है परंतु हमारा जीवन सामान्य जीवन नहीं रहा, 

बचपन मे माता पिता की परेशानियां भाई बहन की आभावो में व्यतीत होते जीवन को देख मैं द्रवित होता रहा दूसरी तरफ समाज मे व्याप्त भ्रष्टाचार असमानता से भी मन द्रवित होता था लोगो के साथ हो रहे अन्याय को देख समझ नहीं आता था आखिर कैसे न्याय मिले ईश्वर हस्तक्षेप क्यों नहीं करते, जब ईश्वर में इतनी आस्था है लोगो की हस्तक्षेप करना चाहिये गलत व्यक्ति को दंडित किया जाना चाहिए।

कुछ समझदार हुए लगा कि हर लड़ाई को लड़ने के लिए धन की आवश्यकता होती है मजबूत होना आवश्यक है, 

भारत मे नागरिकों का जीवन दुष्ट लोगों से लड़ने में ही निकल जाता है न्याय की आस में जिंदगी निकल जाती है पीड़ित यदि गरीब है तो स्थिति और भी भयावह होती है।

दूसरा जागरूक होना भी जरूरी है और साहसी होना भी आवश्यक है, युवाओं को जागरूक करने का उन्हें साहसी बनाने का ख्याल भी आया।  विषम परिस्थितियों में साहस दिखा कर आगे आकर स्थिति परिस्थितियों को बदलने कार्य सफलता पूर्वक किया गया जिससे हौसला अफजाई हुई , निर्णय स्वयम ही लिए किसी का सहयोग नहीं परंतु बचपन से सुनी पिताजी की साहसिक कहानियों से भी प्रेरणा मिली । पिता जी द्वारा आमजनमानस से अलग कुछ अलग प्रकार से कार्य करने की शैली पसंद थी और वही मेरे रोल मॉडल रहे ।

हर अच्छी आदत को खुद में उतारो और बुरी आदत को वहीं बाहर ही छोड़ दो यह जीवन मे गांठ मार कर हर युवा को रखना चाहिए अपने व्यक्तित्व निर्माण के समय में यह अवश्य ध्यान रखना चाहिए जैसा आप बनना चाहते हो वैसे ही बनोगे ,

किसी पर अति विश्वास भी गलत होता है यह अब समझ आया जब समय निकाल चुका है ।

साहस पिता के खून में था और उनकी कहानिया सुनकर भी आया।

सर्व प्रथम ग्राम पंचायत में व्याप्त भ्रष्टाचार होमगार्ड डिपार्टमेंट में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज उठाई , जब 2007 में लोगो द्वारा हमसे शिकायत की गई एयर मदद की गुहार लगाई गई तब हमने इस मामले को उठाया और सफलता प्राप्त हुई,

ग्राम प्रधान से पिता जी की पुरानी रंजिश थी पिताजी की प्रधानी के कार्य काल मे पिता जी की हत्या की सुपारी दी गयी थी, बदमाश तो सब मार गिराए गए परंतु साजुष कर्ताओ पर पिताजी कोई कार्यवाही नहीं करा पाए,  प्रधान का  बेटा होमगार्ड में कंपनी कमांडर , यह सारी कहानी हमारे दिमाग मे थी, इधर आमजनमानस की शिकायतें भी हमे मिलने लगीं , धन किवतर्फ से खुद को मजबूत हम कर चुके थे और हमने अन्याय अत्याचार भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभियान को गति भी देनी थी

आर टी आई का सहारा लिया हमे जनता का बेहद समर्थन था जो परेशान और हताश लोग थे साथ ही उनकी अगुआई करने का कार्य जो था कमजोर का साथ देने की आदत बचपन से थी किसी की गुलामी नहीं की।

आर टी आई से सारे सबूत निकाल कर प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष रखे और जो अधिकारी ना माना उसके खिलाफ भी कार्यवाही शुरू, सफलता मिली, डी. आई .जी . होमगार्ड पर भी कार्यवाही हुई ।

भरष्टाचार रोकने के लिए कंप्यूटराइज्ड ड्यूटी लगने लगीं रिश्वत के खेल पर लगाम लगी , प्रधान जी ने ग्राम पंचायत में सारे काम जो कागजो पर पूर्ण दिखा रखे थे धरातल पर कराए और हमारी बुराई कर कर के हमारा प्रचार पूरे जिले में कर दिया ।

हमारी उम्र लगभग 25 वर्ष थी विधायक जी मंत्री जी सांसद जिले में जिले सव्ही अधिकारियों से मिलने की हमारी आदत 20 वर्ष की आयु से ही रही और अब लखनऊ  सचिवालय में भी जाना आना होने लगा ।

बचपन से ही सुपारी गुटखा शराब आदि से नफरत थी किसी को अपने जवान का हिस्सा नही बनाया ।

कुछ समय व्यतीत हुआ वर्ष 2008 में कन्या महाविद्यालय की स्थापना करने के प्रायास तेज हुए । इस बीच  के राजीनामे कराये दोषियों को सजा दिलाईं । दरोगा स्वयम ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए संपर्क करने लगे और जिले के थानों में फोन से काम होने लगे । 

जिसकी जो मदद हो सकती थी की गई। रात को गांव में कोई परेशान हो या कहीं बाहर किसी को हमारी जरूरत थी तो सबके लिए जान हाजिर। ठीक ऐसे ही हमे किसी की आवश्यकता रही तो पूरा गांव हमारे लिये हर वक्त तैयार ।

अनेक मामलों में हमारे समर्थन में गांव के लोग बच्चे औरते युवा बुजुर्ग सब सड़को पर आ गए। 

पिताजी की रंजिशें सब खत्म कर दी थी । सभी से प्रेम और सौहार्द हो गया। सबसे अपना पन प्रतीत होता था सब अपने और हम सबके ये स्थिति थी और आज भी है ।

सभी जनप्रतिनिधियों का भी पूर्ण सहयोग रहा प्रशासनिक अधिकारियों ने भी बात सुनी और बात मानी।

2009 में सहयोग धर्मार्थ चिकित्सालय की स्थापना कर गरीबो की सेवा शुरू की।

उत्तर प्रदेश बोर्ड परीक्षाकाल में अनेक घटनाक्रम हुए उनमें से एक घटना का वर्डन करते हैं एक युवक परीक्षा केंद्र पर आकर जबरन घुसकर नकल कराना चाहता था पिस्टल दिखा कर शिक्षकों को धमकाता था कि गोली मार दूंगा । परीक्षा के उपरांत वह विद्यालय में दाखिल हुआ और लड़कियों के कमरे की तरफ बढ़ रहा था, उसके पीछे उसके गकनव के लगभग 30 लोग भी साथ थे। हमारी नज़र में था वह हमने रोका तो बोलने लगा गर्मी ज्यादा है ठंडी करनी पड़ेगी । सुनने की आदत नहीं थी हमे एक थापड़ मारा तो हमारे सहयोगी हमारे प्रिय साथियो ने मरमत शुरू कर दी मरमत भी ऐसी की मुह नाक से खून आने लगे लोगों ने उसे बचाने की कोशिश की अधमरी हालत में रोड पर डाल दिया उसके साथियों ने पत्थरबाजी की कुर्सियां तोड़ी पता लगाया गया वह रॉड होल्ड करने वाला बदमाश था कई घटनाओं को अंजाम दे चुका था,

हद तो तब हो गयी उसी के गांव का एक अधेड़ व्यक्ति अगले दिन विद्यालय आया हमारे गेट पर हमारे सहयोग में रहने वाले वाले हमारे रणवीर चाचा उसे हमारे पास तक लेकर आये बोले यह आपसे मिलना चाहते हैं विशेष काम है हमने कहा बुलाओ

आते ही वह मेरे पैरों की तरफ झुकने लगे हमने उन्हें रोका अरे आप ये क्या कर रहे हैं बताइए क्या बात है

आंखों में आंसू ले आये और कुछ बोल नहीं पाए रणवीर चाचा ने हमे बताया कि ये नहीं बोल पाएंगे इन्होंने बताया है कल जो युवक मारा है आपने वह इनकी बेटी के साथ इनके सामने गलत काम करता था और पूरे गाँव को इसकी जानकारी थी ये या गांव का कोई व्यक्ति कुछ नहीं कह पता था क्योंकि वह  बदमाश है सकब डरते है उससे वह व्यक्ति बोले में सिर्फ आपके दर्शन के लिए आया हूँ कोन हैं वह जिसने इसको मार मार के अधमरा कर दिया? हमने कहा आप इतने परेशान थे मिल लेते हमसे गांव में ही आपका सहयोग करते न्याय दिलाते आपके साथ ऐसा गलत ना होने देते  और आपको न्याय दिलाएंगे 

बोले नहीं बदनामी होगी अब इसे सबक मिल गया है आगे कोई बात होगी आपको बताएंगे।

आश्चर्य तो तब हुआ इसके बाद भी उस गाँव के लोग पंचायत लेकर आये बोले गलत किया है बहुत मारा है , हमने बोल दिया और पिटेगा हवालात भेजा जाएगा कोई भी हो बक्शा नहीं जाएगा। जो हिमायत करेगा वो भी पिटेगा कानूनी कार्यवाही भी होगी झुकने और दबने का काम नहीं है 500 आदमी ले आओ गुंडे बदमाशो के लिए कोई राहत नहीं ना ही कोई डर है।

हमे ईश्वर ने ऐसे ही कार्यो के लिए चुना है यदि हम ऐसे बदमाश गुंडों अत्याचारियों से डर जाएंगे भरष्टाचारियो के आगे नतमस्तक होंगे तो इनके हौसले बढ़ जाएंगे जीवन नहीं जी पाएंगे ऐसे लोगों का ही राज होगा ।

हम ना हारे हैं और ना थके हैं ना हारेंगे ना थकेंगे जिएंगे जब तक स्वाभिमान से जिएंगे।

वर्तमान में मेरा दुश्मन कोई नहीं है सिर्फ मेरे परिवारीजन हैं जो कि पिछले कई वर्षों से षडयंत्र रच कर मुझे खत्म करना चाहते थे उनकी चाह ये है कि मैं उनकी गुलामी करु उनके तरीके से चलूं उनका दिया खाऊं उनसे बिना पूछे कोई कार्य ना करु? आपकी काम करने की क्षमता , शैली अलग है सदैव स्वार्थी रहे कोई सामाजिकता नहीं समाज के लिए कोई कार्य नहीं किया अपना और अपने बच्चो तक सीमित रहे सदैव नॉकरी ही की। 

इनलोगो को पिता भाई और चाचा कहने में भी शर्म आती है ऐसे लोग ऐसा परिवार किसी को ना दे इससे तो अनाथ ही पैदा करे।

हां वही पिता जो रोल मॉडल थे , वही सबसे बड़े दुश्मन हैं जो बेटे का ना हुआ वो किसका होगा , जिस बेटे ने उनके सपने पूरे करने के लिए , उनके दुश्मनों को उनके आगे झुकाने के लिए अनेक लड़ाइयां लड़ी अपनी बहन भाई को किसी प्रकार का कोई आभाव नहीं होने दिया सारी सुख सुविधाएं उपलब्ध कराई वही लोग ऐसे बेटे को नष्ट करने जिसकी सामाजिक हत्या करने और बेटे व उसके परिवार को झुटे केस में फसाने , बेटे की पत्नी से बदतमीजी कराने सभी गहने जेवरात छीनकर सारा सामान लायसेंसी राइफल तक हजम करने की कोशिश करने और हर प्रकार से अपमान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी हो , 20 वर्ष की कमाई हज़म कर छल कपट धोखा कर उसकी समस्त प्रोपर्टी हड़पने की नीयत से साजिशें कर रहे हों। वह ना तो पिता हो सकता है ना परिजन।

शायद ईश्वर ऐसे लोगो को मुझसे भिड़ाते है उनके कर्मों का दंड मुझसे ही दिलाने चाहते हैं वरना उनकी बुद्धि ऐसी ना कि होती कि वो मेरे साथ अन्याय पर अन्याय करते और इस हद तक ना गिरते। 

सामने कोई हो झूठ के आगे ना झुके हैं ना झुकेंगे जब तक सांस है स्वाभिमान से रहेंगे।

15 वर्ष के इस संघर्ष में किसी छोटी बात पर ध्यान नहीं दिया अपने कार्यों में लगे रहे सोचा काम करते रहो सही नियत से लगे रहो सब सही हो जाएगा छोटी बातों पर ध्यान न दो परंतु नहीं मित्रो आजकल आपके आसपास कौन क्या कर रहा है इस पर ध्यान देना बहुत आवश्यक है, छोटी समस्या को भी गंभीरता से लवटे हुए तुरंत समाधान करना चाहिए भले ही आपका भाई हो माँ हो पिता हो बहन हो, आपके मित्र हों कोई भी हो? समय रहते ऐसे लोगो का सही ट्रीटमेंट आवश्यक है अर्थार्थ सिर्फ अपना देखो यदि आप के पास पैसा है तो ये सब रिस्ते आपके हैं वरना आप कुछ भी नहीं, कपङे इनके लिए कुछ भी किया हो वह मायने नहीं रखता आपके बैंक में आपके पास क्या है यह मायने रखता है, नहीं तो ऐसी छोटी बुद्धि के लोग आपका जीवन नरक बना सकते हैं जिनमे ना तो कोई सोच होती है घर मे बैठे बैठे समाज से कोई नाता होता नहीं है , ना वर्तमान और  भविष्य की सोच।

40 की उम्र में हमारी समझ मे आया खुद को ही मजबूत करो किसी और को नही ऐसा लगता है दुनिया इसी फॉर्मूले पर चल रही है ।

हमने गांव के विकास, अपनी परिवार के विकास, अपने भविष्य की तैयारी अपने व्यक्तित्व को निखारने के सभी काम किया और हमारे ही छोटे भाई बहन ने जो भाई 11 वर्ष छोटा है सिर्फ और सिर्फ हमे नष्ट करने की योजनाएं बनाई साजिशें रची और लगातार इसी में लगा है 30 वर्ष से ऊपर हो गया आने वाले 5 साल भी इसी में लगा रहेगा यही इसका जीवन है इसीमे नष्ट हो जाएगा।


ऐसी अनेक घटनाएं हैं जिन्हें सभी से साझा करने का प्रयास करेंगे । 

यह दिनाक 31/10/2021 को मेरे द्वारा लिखा गया है।

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