ईश्वर ने हर एक व्यक्ति को विशेष कार्यों के लिए भेजा है
हमे लगता है कि हमे अन्याय के विरुद्ध लड़ने के किये भेजा है
धोखेबाज, भ्रष्टाचारियों , अत्याचारी लोगो को सबक सिखाने के लिए हमे विशेष रूप से भेजा गया है ,
अब तक के जीवन मे सिर्फ यही कराया है हमसे, इस लेख में संक्षेप में आप सभी पाठकों को कुछ ऐसे ही कार्यों पर प्रकाश डालने जा रहा हूँ।
हर व्यक्ति का जीवन जीने का अपना ढंग होता है जब देश परतंत्र था तब भगत सिंह , चंद्र शेखर आजाद, राजगुरु , ऐसे अनेक वीर हुए जिन्होंने अपने मान सम्मान देश को स्वतंत्र कराने की खातिर अपनी प्राणों की भी चिंता ना की।
दूसरी ओर ऐसे भी अनेक लोग होंगे जो साधारण जीवन जी कर अपना समय काट कर इस पृथ्वीलोक से विदा हो लिए। उन्हें देश से उसकी समस्याओं से कोई मतलब न रहा होगा ऐसे भी लोग रहे थे जो अंग्रेजो की गुलामी करते थे उनकी वफादारी करते थे।
यह लोगों की अपनी सोच जीने का अपना ढंग है , अपने आसपास के माहौल पर स्थिति परिस्थिति पर भी निर्भर है कि कैसी सोच क्या स्थितियां होती हैं?
खैर समस्याएं सभी के जीवन मे होती है परंतु हमारा जीवन सामान्य जीवन नहीं रहा,
बचपन मे माता पिता की परेशानियां भाई बहन की आभावो में व्यतीत होते जीवन को देख मैं द्रवित होता रहा दूसरी तरफ समाज मे व्याप्त भ्रष्टाचार असमानता से भी मन द्रवित होता था लोगो के साथ हो रहे अन्याय को देख समझ नहीं आता था आखिर कैसे न्याय मिले ईश्वर हस्तक्षेप क्यों नहीं करते, जब ईश्वर में इतनी आस्था है लोगो की हस्तक्षेप करना चाहिये गलत व्यक्ति को दंडित किया जाना चाहिए।
कुछ समझदार हुए लगा कि हर लड़ाई को लड़ने के लिए धन की आवश्यकता होती है मजबूत होना आवश्यक है,
भारत मे नागरिकों का जीवन दुष्ट लोगों से लड़ने में ही निकल जाता है न्याय की आस में जिंदगी निकल जाती है पीड़ित यदि गरीब है तो स्थिति और भी भयावह होती है।
दूसरा जागरूक होना भी जरूरी है और साहसी होना भी आवश्यक है, युवाओं को जागरूक करने का उन्हें साहसी बनाने का ख्याल भी आया। विषम परिस्थितियों में साहस दिखा कर आगे आकर स्थिति परिस्थितियों को बदलने कार्य सफलता पूर्वक किया गया जिससे हौसला अफजाई हुई , निर्णय स्वयम ही लिए किसी का सहयोग नहीं परंतु बचपन से सुनी पिताजी की साहसिक कहानियों से भी प्रेरणा मिली । पिता जी द्वारा आमजनमानस से अलग कुछ अलग प्रकार से कार्य करने की शैली पसंद थी और वही मेरे रोल मॉडल रहे ।
हर अच्छी आदत को खुद में उतारो और बुरी आदत को वहीं बाहर ही छोड़ दो यह जीवन मे गांठ मार कर हर युवा को रखना चाहिए अपने व्यक्तित्व निर्माण के समय में यह अवश्य ध्यान रखना चाहिए जैसा आप बनना चाहते हो वैसे ही बनोगे ,
किसी पर अति विश्वास भी गलत होता है यह अब समझ आया जब समय निकाल चुका है ।
साहस पिता के खून में था और उनकी कहानिया सुनकर भी आया।
सर्व प्रथम ग्राम पंचायत में व्याप्त भ्रष्टाचार होमगार्ड डिपार्टमेंट में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज उठाई , जब 2007 में लोगो द्वारा हमसे शिकायत की गई एयर मदद की गुहार लगाई गई तब हमने इस मामले को उठाया और सफलता प्राप्त हुई,
ग्राम प्रधान से पिता जी की पुरानी रंजिश थी पिताजी की प्रधानी के कार्य काल मे पिता जी की हत्या की सुपारी दी गयी थी, बदमाश तो सब मार गिराए गए परंतु साजुष कर्ताओ पर पिताजी कोई कार्यवाही नहीं करा पाए, प्रधान का बेटा होमगार्ड में कंपनी कमांडर , यह सारी कहानी हमारे दिमाग मे थी, इधर आमजनमानस की शिकायतें भी हमे मिलने लगीं , धन किवतर्फ से खुद को मजबूत हम कर चुके थे और हमने अन्याय अत्याचार भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभियान को गति भी देनी थी
आर टी आई का सहारा लिया हमे जनता का बेहद समर्थन था जो परेशान और हताश लोग थे साथ ही उनकी अगुआई करने का कार्य जो था कमजोर का साथ देने की आदत बचपन से थी किसी की गुलामी नहीं की।
आर टी आई से सारे सबूत निकाल कर प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष रखे और जो अधिकारी ना माना उसके खिलाफ भी कार्यवाही शुरू, सफलता मिली, डी. आई .जी . होमगार्ड पर भी कार्यवाही हुई ।
भरष्टाचार रोकने के लिए कंप्यूटराइज्ड ड्यूटी लगने लगीं रिश्वत के खेल पर लगाम लगी , प्रधान जी ने ग्राम पंचायत में सारे काम जो कागजो पर पूर्ण दिखा रखे थे धरातल पर कराए और हमारी बुराई कर कर के हमारा प्रचार पूरे जिले में कर दिया ।
हमारी उम्र लगभग 25 वर्ष थी विधायक जी मंत्री जी सांसद जिले में जिले सव्ही अधिकारियों से मिलने की हमारी आदत 20 वर्ष की आयु से ही रही और अब लखनऊ सचिवालय में भी जाना आना होने लगा ।
बचपन से ही सुपारी गुटखा शराब आदि से नफरत थी किसी को अपने जवान का हिस्सा नही बनाया ।
कुछ समय व्यतीत हुआ वर्ष 2008 में कन्या महाविद्यालय की स्थापना करने के प्रायास तेज हुए । इस बीच के राजीनामे कराये दोषियों को सजा दिलाईं । दरोगा स्वयम ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए संपर्क करने लगे और जिले के थानों में फोन से काम होने लगे ।
जिसकी जो मदद हो सकती थी की गई। रात को गांव में कोई परेशान हो या कहीं बाहर किसी को हमारी जरूरत थी तो सबके लिए जान हाजिर। ठीक ऐसे ही हमे किसी की आवश्यकता रही तो पूरा गांव हमारे लिये हर वक्त तैयार ।
अनेक मामलों में हमारे समर्थन में गांव के लोग बच्चे औरते युवा बुजुर्ग सब सड़को पर आ गए।
पिताजी की रंजिशें सब खत्म कर दी थी । सभी से प्रेम और सौहार्द हो गया। सबसे अपना पन प्रतीत होता था सब अपने और हम सबके ये स्थिति थी और आज भी है ।
सभी जनप्रतिनिधियों का भी पूर्ण सहयोग रहा प्रशासनिक अधिकारियों ने भी बात सुनी और बात मानी।
2009 में सहयोग धर्मार्थ चिकित्सालय की स्थापना कर गरीबो की सेवा शुरू की।
उत्तर प्रदेश बोर्ड परीक्षाकाल में अनेक घटनाक्रम हुए उनमें से एक घटना का वर्डन करते हैं एक युवक परीक्षा केंद्र पर आकर जबरन घुसकर नकल कराना चाहता था पिस्टल दिखा कर शिक्षकों को धमकाता था कि गोली मार दूंगा । परीक्षा के उपरांत वह विद्यालय में दाखिल हुआ और लड़कियों के कमरे की तरफ बढ़ रहा था, उसके पीछे उसके गकनव के लगभग 30 लोग भी साथ थे। हमारी नज़र में था वह हमने रोका तो बोलने लगा गर्मी ज्यादा है ठंडी करनी पड़ेगी । सुनने की आदत नहीं थी हमे एक थापड़ मारा तो हमारे सहयोगी हमारे प्रिय साथियो ने मरमत शुरू कर दी मरमत भी ऐसी की मुह नाक से खून आने लगे लोगों ने उसे बचाने की कोशिश की अधमरी हालत में रोड पर डाल दिया उसके साथियों ने पत्थरबाजी की कुर्सियां तोड़ी पता लगाया गया वह रॉड होल्ड करने वाला बदमाश था कई घटनाओं को अंजाम दे चुका था,
हद तो तब हो गयी उसी के गांव का एक अधेड़ व्यक्ति अगले दिन विद्यालय आया हमारे गेट पर हमारे सहयोग में रहने वाले वाले हमारे रणवीर चाचा उसे हमारे पास तक लेकर आये बोले यह आपसे मिलना चाहते हैं विशेष काम है हमने कहा बुलाओ
आते ही वह मेरे पैरों की तरफ झुकने लगे हमने उन्हें रोका अरे आप ये क्या कर रहे हैं बताइए क्या बात है
आंखों में आंसू ले आये और कुछ बोल नहीं पाए रणवीर चाचा ने हमे बताया कि ये नहीं बोल पाएंगे इन्होंने बताया है कल जो युवक मारा है आपने वह इनकी बेटी के साथ इनके सामने गलत काम करता था और पूरे गाँव को इसकी जानकारी थी ये या गांव का कोई व्यक्ति कुछ नहीं कह पता था क्योंकि वह बदमाश है सकब डरते है उससे वह व्यक्ति बोले में सिर्फ आपके दर्शन के लिए आया हूँ कोन हैं वह जिसने इसको मार मार के अधमरा कर दिया? हमने कहा आप इतने परेशान थे मिल लेते हमसे गांव में ही आपका सहयोग करते न्याय दिलाते आपके साथ ऐसा गलत ना होने देते और आपको न्याय दिलाएंगे
बोले नहीं बदनामी होगी अब इसे सबक मिल गया है आगे कोई बात होगी आपको बताएंगे।
आश्चर्य तो तब हुआ इसके बाद भी उस गाँव के लोग पंचायत लेकर आये बोले गलत किया है बहुत मारा है , हमने बोल दिया और पिटेगा हवालात भेजा जाएगा कोई भी हो बक्शा नहीं जाएगा। जो हिमायत करेगा वो भी पिटेगा कानूनी कार्यवाही भी होगी झुकने और दबने का काम नहीं है 500 आदमी ले आओ गुंडे बदमाशो के लिए कोई राहत नहीं ना ही कोई डर है।
हमे ईश्वर ने ऐसे ही कार्यो के लिए चुना है यदि हम ऐसे बदमाश गुंडों अत्याचारियों से डर जाएंगे भरष्टाचारियो के आगे नतमस्तक होंगे तो इनके हौसले बढ़ जाएंगे जीवन नहीं जी पाएंगे ऐसे लोगों का ही राज होगा ।
हम ना हारे हैं और ना थके हैं ना हारेंगे ना थकेंगे जिएंगे जब तक स्वाभिमान से जिएंगे।
वर्तमान में मेरा दुश्मन कोई नहीं है सिर्फ मेरे परिवारीजन हैं जो कि पिछले कई वर्षों से षडयंत्र रच कर मुझे खत्म करना चाहते थे उनकी चाह ये है कि मैं उनकी गुलामी करु उनके तरीके से चलूं उनका दिया खाऊं उनसे बिना पूछे कोई कार्य ना करु? आपकी काम करने की क्षमता , शैली अलग है सदैव स्वार्थी रहे कोई सामाजिकता नहीं समाज के लिए कोई कार्य नहीं किया अपना और अपने बच्चो तक सीमित रहे सदैव नॉकरी ही की।
इनलोगो को पिता भाई और चाचा कहने में भी शर्म आती है ऐसे लोग ऐसा परिवार किसी को ना दे इससे तो अनाथ ही पैदा करे।
हां वही पिता जो रोल मॉडल थे , वही सबसे बड़े दुश्मन हैं जो बेटे का ना हुआ वो किसका होगा , जिस बेटे ने उनके सपने पूरे करने के लिए , उनके दुश्मनों को उनके आगे झुकाने के लिए अनेक लड़ाइयां लड़ी अपनी बहन भाई को किसी प्रकार का कोई आभाव नहीं होने दिया सारी सुख सुविधाएं उपलब्ध कराई वही लोग ऐसे बेटे को नष्ट करने जिसकी सामाजिक हत्या करने और बेटे व उसके परिवार को झुटे केस में फसाने , बेटे की पत्नी से बदतमीजी कराने सभी गहने जेवरात छीनकर सारा सामान लायसेंसी राइफल तक हजम करने की कोशिश करने और हर प्रकार से अपमान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी हो , 20 वर्ष की कमाई हज़म कर छल कपट धोखा कर उसकी समस्त प्रोपर्टी हड़पने की नीयत से साजिशें कर रहे हों। वह ना तो पिता हो सकता है ना परिजन।
शायद ईश्वर ऐसे लोगो को मुझसे भिड़ाते है उनके कर्मों का दंड मुझसे ही दिलाने चाहते हैं वरना उनकी बुद्धि ऐसी ना कि होती कि वो मेरे साथ अन्याय पर अन्याय करते और इस हद तक ना गिरते।
सामने कोई हो झूठ के आगे ना झुके हैं ना झुकेंगे जब तक सांस है स्वाभिमान से रहेंगे।
15 वर्ष के इस संघर्ष में किसी छोटी बात पर ध्यान नहीं दिया अपने कार्यों में लगे रहे सोचा काम करते रहो सही नियत से लगे रहो सब सही हो जाएगा छोटी बातों पर ध्यान न दो परंतु नहीं मित्रो आजकल आपके आसपास कौन क्या कर रहा है इस पर ध्यान देना बहुत आवश्यक है, छोटी समस्या को भी गंभीरता से लवटे हुए तुरंत समाधान करना चाहिए भले ही आपका भाई हो माँ हो पिता हो बहन हो, आपके मित्र हों कोई भी हो? समय रहते ऐसे लोगो का सही ट्रीटमेंट आवश्यक है अर्थार्थ सिर्फ अपना देखो यदि आप के पास पैसा है तो ये सब रिस्ते आपके हैं वरना आप कुछ भी नहीं, कपङे इनके लिए कुछ भी किया हो वह मायने नहीं रखता आपके बैंक में आपके पास क्या है यह मायने रखता है, नहीं तो ऐसी छोटी बुद्धि के लोग आपका जीवन नरक बना सकते हैं जिनमे ना तो कोई सोच होती है घर मे बैठे बैठे समाज से कोई नाता होता नहीं है , ना वर्तमान और भविष्य की सोच।
40 की उम्र में हमारी समझ मे आया खुद को ही मजबूत करो किसी और को नही ऐसा लगता है दुनिया इसी फॉर्मूले पर चल रही है ।
हमने गांव के विकास, अपनी परिवार के विकास, अपने भविष्य की तैयारी अपने व्यक्तित्व को निखारने के सभी काम किया और हमारे ही छोटे भाई बहन ने जो भाई 11 वर्ष छोटा है सिर्फ और सिर्फ हमे नष्ट करने की योजनाएं बनाई साजिशें रची और लगातार इसी में लगा है 30 वर्ष से ऊपर हो गया आने वाले 5 साल भी इसी में लगा रहेगा यही इसका जीवन है इसीमे नष्ट हो जाएगा।
ऐसी अनेक घटनाएं हैं जिन्हें सभी से साझा करने का प्रयास करेंगे ।
यह दिनाक 31/10/2021 को मेरे द्वारा लिखा गया है।