रविवार, 31 जनवरी 2021

किसानों का मकसद प्रधानमंत्री मोदी जी को झुकाना कदापि नहीं है।

 किसानों का मकसद प्रधानमंत्री को झुकना नहीं सिर्फ किसानो के साथ हो रहे अन्याय को रोकना है।

जो कृषि कानून बनाये गए है किसान उन्हें मंजूर नहीं करते मोदी जी को यह कानून थोपने नहीं चाहिए कोई और रास्ता निकालना चाहिए ।

हम शुरू से ही कहते आ रहे हैं कि जब किसान खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है अन्नदाता दुखी है परेशान है और इस तरह का आंदोलन करने पर मजबूर है तो सरकार को देश के किसान के हित में उसके सम्मान में यह कानून वापस ले लेने चाहिए इसे प्रतिष्ठा से नहीं जोड़ना चाहिए । क्योंकि देश हित मे कार्य करना है देश की जनता से मिलकर चलना है।

यहां कुछ भक्त गण अपनी मर्यादा खो बैठते हैं। देश हित मे पार्टी भक्ति को एक ओर रख कर विचार किया करें । 

प्रधानमंत्री जी को सारे कानून देश की जनता के हित में बनाने चाहिए ना कि सिर्फ आगे देश की जनता लोकतंत्र को नष्ट कर सत्ता में बने रहने की लालसा को सार्थक करने के लिए।

जब आप दिल से देश सेवा में जुटेंगे तो देश आपको कैसे झुकने देगा और यदि आपकी नीतियों में अहंकार और द्वेष और दमन आदि चीजें परिलक्षित होंगी तो वहां पर विरोध होना स्वाभाविक है।

यह देश वही है जिसने ब्रिटिश हुकूमत को उखाड़ फेंका है। मान प्रतिष्ठा यहां जान से ज्यादा प्यारी है।

आपके द्वारा लिए गए अनेक निर्णयों का स्वागत जनता ने हृदय से किया है भले ही इसके लिए जनता को बहुत से कष्ट झेलने पड़े हैं।

परंतु अब जनता को और ना दबाओ । सरकार को अपनी नीतियों में बदलाव करना चाहिए।

राष्ट्रीय जागरूक युवा संगठन भारत सदैव जाती धर्म से ऊपर उठकर देश सेवा के लिए कार्य करता आया है।

अपने धर्म की रक्षा करना उसे बढ़ाना हम सब का कर्तव्य है परंतु धर्म मे जाती में लोगो को बांट कर देश को कमजोर करने का कार्य ना करें अति किसी भी चीज की बुरी होती है । देश को एकता अखंडता से मजबूत बनाया जा सकता है। अपनी भाषा को मरायादित रखे।राजनीति को और ज्यादा दूषित ना करें ऐसी राजनीति ना करें जिससे देश की अस्मिता पर देश की अखंडता पर आंच आये। 

जो बातें सही हैं उसका हम सदैव समर्थन करते है। जो गलत है उनका सदैव विरोध करेंगे। 

आपकी गलत टिप्पड़ियों से आपके बुरे व्यवहार से हम पर कोई फर्क नहीं पड़ता । आपके विचार आपकी सोच किसी के अनुसरण से बने होंगे परंतु हमारे नहीं।

जो लोग मर्यादा और भाषा शैली पर नियंत्रण नहीं रख सकते वे स्वतः ही मित्रता सूची से बाहर जाएं।


आपके विचारों का सदैव स्वागत है। विचारो में भिन्नता हो सकती है परंतु विचारो को जबरन थोपने का प्रयास ना करें। इससे आपसी वैमान्यस्ता बढ़ती है।

जो ट्रेंड चल रहा है कि दूसरों को बेइज्जत करो और डराओ धमकाओ उसका अंत बुरा होगा अपने इस व्यवहार में सुधार लाने की जरूरत है।

सरकार को अपनी नीतियों में परिवर्तन करने की जरूरत सरकार को सिर्फ और सिर्फ उद्योगपतियों की कठपुतली बनकर नहीं रहना चाहिए अब जरूरत है ऐसे कदम उठाने की जिससे देश की आर्थिक स्थिति मजबूत हो। बिना किसी नए कानून के। 



मंगलवार, 19 जनवरी 2021

प्रधानमंत्री कौशल विकास केंद्र पार्ट 3

 प्रधानमंत्री कौशल विकास केंद्र 

केंद्र सरकार की रोजगार को बढ़ावा देने वाली योजना है जहां युवाओ को प्रशिक्षण प्रदान कर 100% प्लेसमेंट देने की सरकार की योजना है।

15 जनवरी 2021 से PMKVY 3.0  प्रारम्भ हो चुका है।

सहयोग समिति PMKVY 2.0  ट्रेनिंग पार्टनर के रूप में कार्य कर चूकी है । वर्तमान में पार्ट 3 में भी ट्रेनिंग प्रोवाइडर के रूप में कार्य कर रही है।

यहां आपको प्रशिक्षण केंद्र शुरू करने हेतु सीधी सरल भाषा मे आवश्यक इन्वेस्टमेंट के संबंध में जानकारी दी गयी है । कम से कम क्या सुविधाये एवम कितनी जगह होनी चाहिए क्या क्या व्यवस्थाएं हों यह सारी जानकारी देने का प्रयास किया गया है।

यदि आप अपना योजनान्तर्गत प्रशिक्षण केंद्र शुरू करना चाहते हैं तो शुरू कर सकते है ।



इसके लिए सबसे आवश्यक है प्रशिक्षण केन्द्र के लिए भवन।

यदि आपके पास स्कूल कॉलेज की बिल्डिंग है तो आप यह केंद्र शुरू कर सकते हैं।

प्रशिक्षण केंद्र कम से कम 1500 स्क्वायर फ़ीट का होना ही चाहिए। 

यदि 5000 वर्ग फ़ीट भवन होता है तो अधिक उपयुक्त है।

इसमे एक स्मार्ट लेब जिसमे 15 कंप्यूटर होना अनिवार्य है।

जिस जॉब रोल में या जिस ट्रेड में आप प्रशिक्षण प्रदान करना चाहें उनकी लेब तैयार होना आवश्यक है जैसे सिलाई कड़ाई सेल्फ एम्प्लॉयड टेलर, मोबाइल रिपेयरिंग, एल ई डी बल्ब रिपेयरिंग, कंप्यूटर प्रशिक्षण FT PC , इत्यादि इनमे से जितने पाठ्यक्रम या जॉब रोल आप चलाना चाहें उनके लिए लेब अनिवार्य है।














1 क्लासरूम में 30 प्रशिक्षणार्थियों के बैठने की व्यवस्था होनी चाहिए।

जितना बैठने की व्यवस्था एवम उपकरण होंगे उनके आधार पर आपको टारगेट मिल सकेगा।

टॉयलेट्स अलग अलग होने चाहिए मेल के लिए अलग एवम फीमेल के लिए अलग।

6 केबिन होना अनिवार्य है जैसे आफिस ,  रिसेप्शन, लाइब्रेरी, स्टाफ रूम, प्लेसमेंट सेल, पेंट्री इत्यादि।

प्रशिक्षण केंद्र सुसज्जित होना चाहिए जॉब रोल से संबंधित सभी उपकरण होना अनिवार्य है जिनका डिटेल भी अलग से दे दिया जाएगा।

प्रोजेक्टर , सीसी टीवी कैमरे, इंटरनेट कनेक्शन होना अनिवार्य है। फायर एस्टिनगुइशर होना अनिवार्य है। सेनेटाइजर मास्क इत्यादि का होना भी अनिवार्य है।

इसी के साथ संबंधित जॉब रोल हेतु योग्य  क्वालिफाइड प्रशिक्षक के साथ साथ टी ओ टी  सर्टिफाइड प्रशिक्षक होना अनिवार्य है ।

यह सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण होने पर ब्रांडिंग करनी होती है दिए गए फ्लेक्स पोस्टर इत्यादि से प्रशिक्षण केंद्र को सुसज्जित किया जाता है । इसी के पश्चात फिर फ़ोटो अपलोड कर के निर्धारित शुल्क ऑनलाइन ही जमा किया जाता है ।

सहयोग समिति संस्था द्वारा आपका पंजीकरण में मार्गदर्शन एवम सहयोग किया जाएगा।

सहयोग समिति के साथ कार्य करने हेतु संस्था मात्र 25000 रुपये पंजीकरण शुल्क में  आपका प्रशिक्षण केंद्र पोर्टल पर पंजीकरण करा कर caff फॉर्म तैयार कर फ़ोटो अपलोड कराने  मार्गदर्शन प्रदान करती है।

पेमेंट

एक केंद्र पर 4 माह के कोर्स में आपको 12 लाख से 25 लाख तक की आय होती है। यह आपके केंद्र जोबरोल इत्यादि पर निर्भर रहता है 

अधिकतर  TC और TP का शेयर रेश्यो 60:40 या 70:30 का रहता है यदि आप सहयोग समिति संस्था के साथ काम करें तो यह रेश्यो 70:30 का ही रहेगा।

जिसमे प्रशिक्षणार्थियों के पंजीकरण प्रशिक्षणार्थियों की परीक्षा एवम आपका पेमेंट कराने तक सम्पूर्ण मार्गदर्शन एवम सहयोग संस्था द्वारा किया जाएगा।

RJYS BHARAT NGO  के यू ट्यूब चेनल नीचे दिए हुए लिंक पर जा कर प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना पार्ट 3 सम्बन्धी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

https://youtu.be/PX1Iv2sM6jo


आपके सभी उपकरण सुसज्जित करने हेतु आवश्यक मार्गदर्शन भी प्रदान करती है । प्रशिक्षण केंद्र में सभी औपचारिकताएं पूर्ण होने के पश्चात आपका caff फॉर्म अपलोड कराने के बाद आपका सरकारी शुल्क आपको स्वयम ऑनलाइन जमा करना होता है।

 जिसके बाद डेस्कटॉप अस्सिसमेन्ट होता है । डेस्कटॉप असेसमेंट में सेंटर पास होने पर आपके पोर्टल पर डीम्ड रेडी शो होने लगता इसके बाद निरीक्षण हेतु  7 दिन के अंदर टीम आती है । सभी औपचारिकताएं पूर्ण मिलने पर आपका प्रशिक्षण केंद्र अपप्रूव हो जाता है।

इसके बाद आपको प्रशिक्षणार्थियों के पंजीयन हेतु स्वीकृति दे दी जाती है। आप पोर्टल पर पंजीकरण कर सकते है आपका प्रशिक्षण केंद्र कौशल विकास की साइट पर शो होने लगेगा।


गुरुवार, 14 जनवरी 2021

ग्राम पंचायत स्तर पर युवकों की आवश्यकता है

 *Suvidha Kendra*


पूरे भारत के हर स्टेट के सभी पंचायत में सुविधा केंद्र खोलने हेतु निम्नलिखित मानव बल की आवश्यक्ता। 


1.Post Name- ASM

Qual - Graduate *Good working knowledge of Marketing*

Salary - 15000 ctc+ TA/DA

Every district 3 seat


2. Post- SO

Qual- inter pass *Working Knowledge of Marketing*

Salary 12000 ctc + TA/DA

Every block 1 seat


3. Computer operator

Qual- Inter + DCA( Good Knowledge of Computer)

Salary- 14800 ctc

Every Panchayat 1 seat


contact us

samitisahyog@gmail.com

9759348402 watts app करें ।

बुधवार, 13 जनवरी 2021

बेरोजगार युवक युवतियों के लिए सुनहरा अवसर

 

                 सहयोग समिति द्वारा संचालित 

राष्ट्रीय जागरूक युवा संगठन भारत

                             द्वारा

 आत्मनिर्भर भारत अभियान

  हाईस्कूल/  इण्टर युवक युवतियों हेतु सुनहरा अवसर नॉकरी ही नॉकरी  , जॉब ही जॉब फील्ड वर्क , आफिस वर्क एवम युवतियों/ लड़कियों/ महिलाओ  हेतु घर बैठकर ऑनलाइन कार्य ।

वेतन 10000 एवम 12000 मासिक ।



युवक युवतियों हेतु प्रशिक्षण एवम रोजगार के अवसर

सहयोग समिति पंजीकृत संस्था द्वारा संचालित राष्ट्रीय जागरूक यहवा संगठन देश के 220 जिलों के सक्रिय रह कर कार्य कर चुका है संगठन का मुख्य उद्देश्य अन्याय अत्याचार भ्रष्टाचार से जंग है । कोरोना महामारी के दौरान उतपन्न हुए बेरोजगारी के संकट को खत्म करने को स्वास्थ्य शिक्षा रोजगार के साथ संस्था अनेक कंपनी अमेज़ॉन , पेटीएम , पगार एप्प, शेरखान, एक्सप्रेसो , एवम बैंक से टाई अप करके बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के अवसर ले कर आ रही है । इसी क्रम में राष्ट्रीय जागरूक युवा संगठन भारत ने आत्म निर्भर भारत अभियान के अंतर्गत युवाओ को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प को आगे बढ़ाते हुए , प्रत्येक जनपद में प्रत्येक ब्लॉक में युवाओ का चयन कर अभियान को गति देने का फैसला लिया गया है।

संस्था प्रत्येक ब्लॉक में 10 होनहार युवाओ को नियुक्ति कर रही है।

प्रत्येक जनपद में डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर एवम प्रत्येक ब्लॉक में ब्लॉक कोऑर्डिनेटर नियुक्त किये जा रहे हैं , हर ब्लॉक में 10 युवाओ को नियुक्त कर जनजागरण अभियान एवम डिजिटल साक्षरता मिशन चलाया जा रहा है । 

RJYS BHARAT के आत्म निर्भर भारत अभियान के अंतर्गत फील्ड वर्कर की नॉकरी के लिए  शैक्षिक योग्यता  न्यूनतम कक्षा 10 या 12 पास।

ब्लॉक / डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता स्नातक / डिप्लोमा है। जिनका वेतन 12000 रुपये मासिक रहेगा।

आवेदक को निम्नलिखित जानकारी एवम कागजात देना अनिवार्य है।

नाम 

जन्मतिथि

पूरा पता

मोबाइल नम्बर

आधार कार्ड नम्बर

पेन कार्ड नम्बर

खाता संख्या

Ifsc कोड

बैंक का नाम

आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज

शैक्षिक कागजात की फ़ोटो 

आधार कार्ड की फ़ोटो 

पेनकार्ड की फ़ोटो 

1पासपोर्ट साइज 

जाति प्रमाणपत्र यदि हो तो

आय प्रमाणपत्र यदि हो तो

मूलनिवास प्रमाणपत्र यदि हो तो।

samitisahyog@gmail.com मेल एवम 9759348402 पर वाट्स एप करना है।

वेतन 10000 + 2000 रुपये मासिक , वेतन टारगेट पूरा करने अच्छा कार्य करने पर ही देय होगा ।

आवेदन / सदस्यता निशुल्क है । चयनित युवक युवतियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा। 

आवश्यकता एवम योग्यतानुसार जोइनिंग लेटर वम योग्यतानुसार कार्य दिया जा रहा है। 

यदि पे टी एम डाऊनलोड करना चाहो तो नीचे दिए गए लिंक से डाउन लोड करें।

https://p.paytm.me/xCTH/6d1e84b

यदि गूगल पे डाउन लोड करना चाहो तो नीचे दिए लिंक से डाउन लोड करें

https://g.co/payinvite/9n00r7x

फ़ोन पे डाउन लोड के लिए नीचे दिए लिंक से डाउन लोड करें।

https://phon.pe/1sjhpmnc

चयनित युवाओ को आई कार्ड एवम जोइनिंग लेटर प्रदान किया जाएगा।

आई डी कार्ड का शुल्क देय होगा। जिसका शुल्क मात्र 100 रुपये है।

यह आई डी कार्ड नमूना  है ।

 जनजागरण अभियान एवम डिजिटल साक्षरता शिविर।

जनजागरण अभियान एवम डिजिटल साक्षरता मिशन के अंतर्गत सरकार की जनकल्याणकारी योजना से नागरिको को अवगत कराना।

युवाओ को कोविड19 से बचाव एवम सावधानियों के संबंध में प्रशिक्षण देकर गॉव गांव जाकर मास्क सेनेटाइजर एवम उचित दूरी बनाए रखने संबंधी आवश्यक जानकारियां देना ग्रामीणों को जागरूक करना।

श्रम विभाग में पंजीकरण एवम सरकार द्वारा दी जा रही गरीब मजदूर वर्ग हेतु कल्याणकारी योजनाओं से ग्रामीणों को अवगत कराना।

शिविर में आयुष्मान भारत कार्ड की जानकारी देना एवम कार्ड बनवाने में पात्र नागरिको की सहायता करना।

ज़ीरो बेलेन्स एकाउंट ओपन करना । डिजिटल इंडिया प्रोजेक्ट की जानकारी देना पेटीएम, गूगल पे, फोन पे एवम ऐमेज़ॉन एप के संबंध में बताना एवम इनके उपयोग के लिये प्रोत्साहित करना। डिजिटल ट्रांसेक्शन की जानकारी देना।

इच्छुक नागरिको को डी मेट एकाउंट की जानकारी देना एवम एकाउंट ओपन कराना।

सहयोग समिति एवम राष्ट्रीय जागरूक युवा संगठन भारत की सदस्यता दिलाना, संस्था के फेसबुक पेज , यूट्यूब चेंनल को लाइक सब्सक्राइब करना और शेयर कराना। संस्था के कार्यो के संबंध में लोगों को बताना। 

 कौशल विकास प्रशिक्षण  प्रदान करने हेतु 14 से 50 वर्ष तक के अभ्यर्थियों के शैक्षिक प्रमाण पत्र , आधारकार्ड , पेन कार्ड (यदि हो तो ) , बैंक पासबुक , मोबाइल नम्बर आदि लेना।

युवाओ के प्रशिक्षण हेतु प्रशिक्षण केंद्र संचालन में सहयोग करना। 

मोबाइल रिपेयरिंग, एल ई डी रिपेयरिंग , कंप्यूटर प्रशिक्षण , सिलाई प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना एवम संचालन हेतु मोबिलाइजेशन करना।

संस्था युवाओ के रुचि के आधार पर प्रधानमंत्री कौशल विकास प्रशिक्षण योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना कर रही है  जिससे सभी को प्रशिक्षण देकर रोजगार प्रदान किया जा सके।

समय समय पर ईमानदारी निष्ठा पूर्वक कार्य करने वाले युवाओ को पुरस्कृत व पदोन्नत भी किया जाएगा।

टारगेट पूरे होने पर ही वेतन देय होगा । बिना कार्य के कोई वेतन नहीं मिलेगा।

यूट्यूब पर जुड़ने के लिए नीचे दिए लिंक को दबाएं

https://youtube.com/c/Rjysbharatngo

सोमवार, 4 जनवरी 2021

# स्त्री तंत्र की व्याख्या नवम अध्याय भाग 2


 स्त्री तंत्र की व्याख्या नवम अध्याय भाग 2 

 ( सातवें वचन की अर्थ सहित व्याख्या) 




#विवाह #का #सातवां #वचन


7. #परस्त्रियं #मातूसमां #समीक्ष्य #स्नेहं #सदा #चेन्मयि #कान्त #कूर्या।

#वामांगमायामि #तदा #त्वदीयं #ब्रूते #वच: #सप्तमंत्र #कन्या!!


(अंतिम वचन के रूप में कन्या यह वर मांगती है कि आप पराई स्त्रियों को माता के समान समझेंगे और पति-पत्नी के आपसी प्रेम के मध्य अन्य किसी को भागीदार न बनाएंगे। यदि आप यह वचन मुझे दें तो ही मैं आपके वामांग में आना स्वीकार करती हूं।) 

 

इस वचन के माध्यम से कन्या अपने भविष्य को सुरक्षित रखने का प्रयास करती है।


#विवाह #के #सातवें #वचन #की #समीक्षा


विवाह के सातवें वचन में पुरुष स्त्री को वचन देता है कि वह अपनी पत्नी के अलावा सभी स्त्रियों को माता रूप मानेगा और कभी भी पति पत्नी के संबंध में किसी भी अन्य स्त्री को भागीदार नहीं बनाएगा। 


यह वचन अपने आप उन सभी प्रश्नों पर प्रतिबंध लगा देता है, उन सभी प्रश्नों को करने का अधिकार समाप्त कर देता है जो अधिकतर पुरुष किया करते हैं कि स्त्रियां नग्नता की दहलीज पर जा रही हैं स्त्रियां  दुश चरित्रता के दायरे में जा रही हैं, स्त्रियों की कमियों पर भी लगाम लगानी चाहिए। 


जब पत्नी के समक्ष आप सभी स्त्रियों को माता रूप मानने का प्रण ले चुके हैं तब आपके इन प्रश्नों को करने के सारे अधिकार स्वत: ही समाप्त हो जाते हैं। यदि आपको किसी पराई स्त्री में कोई कमी नजर आती है तो उससे पहले आपको इस दायरे को सोच लेना चाहिए कि सामने वाली स्त्री आपके लिए माता रूप है और माता में कमी निकालने का अधिकार ना तो आज से पहले किसी पुरुष को  था ना ही भविष्य में कभी होगा। यदि आपको सामने वाली स्त्री में नग्नता दिखती है तो आप अपनी माता की नग्नता पर प्रश्न उठाते हैं क्योंकि उसके वक्ष स्थल से निकलने वाली अमृतधारा को पीकर ही आप बड़े हुए। यदि आप  किसी स्त्री के चरित्र पर लांछन लगाते हैं तो लांछन आप अपनी माता के चरित्र पर लगा रहे हैं। क्योंकि हर स्त्री आपके लिए माता समान है ऐसी प्रतिज्ञा आप अपनी पत्नी से कर चुके हैं।


कुछ पुरुष ऐसी सोच रखते हैं कि स्त्रियों पर भी प्रतिबंध लगने चाहिए जबकि आज तक के परिवेश में स्त्रियां प्रतिबंधित जीवन जीती हैं फिर भी  उनके मन में यह प्रश्न है कि स्त्रियों पर प्रतिबंध लगने चाहिए तब सामने वाली स्त्री आपके लिए माता रूप होने के कारण आप अपनी माता पर प्रतिबंध लगाने की सोच रखते हैं क्योंकि आप उसे माता रूप देख नहीं पा रहे इसलिए ही ऐसे पुरुष  अन्य नारियों में कमियां निकालते हैं।


क्योंकि विवाह पश्चात सभी नारियां पुरुषों के लिए माता समान है और माता पर कमियां निकालना दुष् चरित्रता के दायरे में आता है, यानी आप खुद दुष्चरित्र होकर स्त्री के दामन पर लांछन लगा रहे हैं, पाप के भागी बन रहे हैं और ऐसा पाप हिंदू धर्म से निष्कासन करवा सकता है आपका, क्योंकि हिंदू धर्म में नारी सम्मान सर्वोपरि है अन्य स्त्रियों को माता मानने की प्रतिज्ञा अपने आप में यह सिद्ध करती हैं। 

#कुछ #महत्वपूर्ण #बातें #जो #विवाह  #पद्धति #के #दौरान #सामने #आती #है


कहा जाता है की इस संसार में सबसे बड़ा दान जिसे महादान भी कहते हैं वह है #कन्या #का #दान है परंतु आज इस दान की आड़ में पुरुष वर्ग ने अपने कुकर्मों को इतना बढ़ा दिया है कि यह दान माता पिता के लिए #पाप बन गया है क्योंकि पत्नी बनाने के पश्चात स्त्री के साथ जानवरों से भी बदतर सलूक किया जाता हैं। अपने अनुसार ही चलाया जाता है उसे एक लफ्ज़ भी  अपनी मर्जी से बोलने की इजाजत नहीं देना चाहता पुरुष वर्ग, अगर वह बोलती है तो उसे चुप कर दिया जाता है  और जो  चुप नहीं होती मारा-पीटा जाता है कड़वी सच्चाई है।

विवाह के सातों वचनों में कहीं भी कोई भी एक वचन पुरुष ने ऐसा नहीं दिया कि मैं तुम पर अधिकार करूंगा। मेरा तुम पर अधिकार है। मैं तुम्हें चाहे जैसे नचा सकता हूं। तुम अपनी मर्जी से कुछ नहीं करोगी।


ऐसा कोई कहीं व्याख्यान नहीं है किसी वचन में फिर किस अधिकार से पुरुष स्त्री से जानवरों की तरह बर्ताव करता है। किसी एक वचन में यह बात नहीं कि स्त्री को अपने पति से पूछ कर जाना है घर से बाहर जाना पड़ेगा फिर  क्यों स्त्रियां शादी के बाद अपने मन से घर से बाहर नहीं जा सकती? क्यों उन्हें   अपने पति की इजाजत लेनी पड़ती है कि हम फलां जगह चले जाएं क्या? अगर उनकी अनुमति मिलेगी तो स्त्री जाएगी अन्यथा स्त्री नहीं जाएगी। ऐसी पाबंदियां क्यों है हमारे समाज में और जो स्त्री अपनी मर्जी से जाती है उसे बदचलन करार कर दिया जाता है। उसे ही  मुंह जोर, कुल्टा, कलंकिनी कहा जाता है क्यों? 

 दूसरा  महत्वपूर्ण तथ्य इन सातों वचनों में कहीं से कहीं तक यह प्रतीत नहीं होता कि स्त्री द्वारा पुरुष को यह वचन दिया गया है कि उसके मां बाप पुरुष की पति के रूप में सेवा करेंगे सम्मान करेंगे लेकिन पुरुष प्रधान समाज की कसौटी पर यही बातें महत्वपूर्ण हो गई हैं यदि किसी स्त्री के माता पिता अपने अनुभवों के ज्ञान पर दूर दृष्टि से दमाद को पुत्र रूप समझ कर उसकी गलतियों का भान करा कर सुधार करने की चेष्टा करते हैं तो उस स्त्री की जिंदगी में कोहराम मच जाता है और दिए गए सारे वचन तोड़कर उसके हाथ में रख दिए जाते हैं, फिर भी उससे यह कहा जाता है की इस विवाहबंधन को तुम्हें निभाना है। अपनी वर्षों से पाली पोसी पुत्री को यूँ किसी अनजान व्यक्ति के हाथों में सौंप कर उसकी गलतियों इस हद तक नजरअंदाज करना कि जिस्म पर पड़े जख्मों की भी अवहेलना की जाए, सिर्फ इसलिए कि उन्होंने अपनी लड़की का दान किया है क्या उचित है? क्या यह कन्यादान की परंपरा स्त्री जाति पर बोझ नहीं? क्या कन्या कोई वस्तु है जिसका दान करने का अधिकार मां-बाप को है? क्या कन्या कोई वस्तु है जिसे दान स्वरूप भिक्षा में लेना किसी पुरुष के अधिकार में आता है? विवाह पद्धति का यह भाग जिसने स्त्री जाति के अस्तित्व को तहस-नहस कर दिया क्या इसमें बदलाव की जरूरत नहीं?


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