शनिवार, 2 मई 2020

अब विश्व को कोरोना के साथ जीना पड़ेगा

 विश्व को अब कोरोना के साथ जीना ही पड़ेगा 
जी हां आपने सही सुना वर्तमान हालातों को देखते हुए अब दुनिया का कोई भी देश ज्यादा लॉक डाउन नहीं कर सकता लॉक डाउन करने से आर्थिक व्यवस्था खराब होती जा रही है लोग  कोरोना से नहीं मरेंगे तो भुखमरी से मारेंगे अब हमें कोरोना  covid-19 के साथ जीना पड़ेगा अब यह आम आदमी के जीवन का हिस्सा बन गया है अब हमें इससे जुड़े हुए प्रिकॉशन भी साथ में रखने पड़ेंगे जैसे के हैंड सैनिटाइजर, ग्लव्स और इससे जुड़ी हुई अन्य सावधानियां गर्म पानी का सेवन घर में लाई हुई चीजों जैसे हरी सब्जियों को अच्छी तरह से धोकर  उसका उपयोग करना घर में घुसने से पहले ही स्नान करना हैंड वॉश करना सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना पड़ेगा लगातार यह अपने बच्चों को भी सिखाना पड़ेगा विशेष सावधानी के साथ जिंदगी को आगे बढ़ाना पड़ेगा, इसके अलावा विश्व के पास कोई चारा नहीं बचा इन सब चीजों को करते-करते साथ में इसकी वैक्सीन की खोज जारी रहेगी ही लेकिन अब ब्लॉक डाउन को ज्यादा झेला नहीं जा सकता क्योंकि हालात गंभीर होते जा रहे हैं हम देख रहे हैं कि जिस तरह से लॉक डाउन किया जा रहा है उससे लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है सारे काम धंधे चौपट पड़े हुए हैं छोटे-छोटे काम करने वाले लोग जो रोज खोदो  रोज पियो वाला सिस्टम चल रहा था उनका वह सब सिस्टम  खत्म हो गया वह कहां से कब तक खाते रहेंगे ? हम सभी की मूलभूत सुविधाओं में राशन पानी ही नहीं होता है इसके अलावा बहुत सारी चीजें होती है जो केवल पैसे से ही ली जा सकती है इसी प्रकार हर  मनुष्य सिर्फ दाल चावल आटे से भी काम नही चलता। एक खबर सुनने को मिली कि एक  4 साल की बच्ची बिना इलाज के तड़प तड़प कर मर गई ।  एक बच्ची नहीं जाने कितने लोगों ने बिना इलाज के अपनी जान से हाथ धो दिया है इसके अलावा बहुत सारे घरों की आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है उनके घरों में चूल्हा जलना बंद हो गया है बहुत से परिवार एक टाइम का भोजन करके गुजारा कर रहे हैं । स्थिति इससे और भी ज्यादा खराब हो महामारी से बचने के साथ भुखमरी से मरने को मजबूर हो जाए सरकार को निर्णय लेना होगा ।



भारत सरकार ने समय से लोक डाउन कर दिया जिसके कारण देश में महामारी संक्रमण पर नियंत्रण  कर लिया गया अन्यथा की स्थिति में आज लाखों लोग कोरोना से संक्रमित हो जाएं गंवा चुके होते । साथियों मित्रों माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में देश ने कोरोना के खिलाफ जो जंग लड़ी है उसमें हम जीत रहे हैं इस 2 माह के लॉक डाउन के समय में ही देश ने कोरोना से लड़ने के लिए जरूरी तैयारियां कर ली है जिस समय कोरोना का प्रकोप विश्व में फैल रहा था और जब अचानक से भारत में आया तो हमारे हॉस्पिटल्स भी इसके लिए तैयार नहीं थे आज भारत सरकार ने युद्ध स्तर पर कोरोना से लड़ने के लिए हॉस्पिटल्स का भी निर्माण कर लिया है यही नहीं चिकित्सकों को नर्सिंग स्टाफ को विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया है । 

अब करना क्या होगा
कोविड 19  से लड़ने  में अब दायित्व बनता है जनता का जनता को लापरवाही छोड़ इससे लड़ने के, इसके साथ जीने के तौर-तरीकों को अपने जीवन में ढ़ालना होगा जैसा कि हमने ऊपर बताया है हैंड सैनिटाइजर, हेंड वाश, हैंड ग्लव्स इत्यादि का उपयोग लगातार करना होगा घर के हर सदस्य को इन सावधानियों के बारे में जागरूक करना होगा। इसके अलावा अपने भोजन अपने दिनचर्या में शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी सिस्टम) को सही करने का तरीका अपनाना होगा भोजन में तो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए खानपान में सुधार करना होगा पौष्टिक आहार लेना होगा और दिनचर्या में आवश्यक योगासनों का एवं शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक शारीरिक श्रम का, कसरत का अभ्यास जारी रखना होगा, दैनिक रूटीन बनाना होगा यह स्वास्थ्य के लिए अच्छा भी होगा।


लॉक डाउन सीमित क्षेत्र में ही लगाया जाएगा
अब लॉक डाउन में  सुधार करने होंगे जिससे देश फिर से चलना शुरू होगा उसमे निम्नानुसार कार्य शुरू किया जा सकेगा । लॉक डाउन केवल उसी संक्रमित क्षेत्र में किया जाए जहां पर यह कोरोना के केसे मिले हैं एक उदाहरण अभी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिया था कि जैसे मान लीजिए उदाहरण के तौर पर 50 गांव का कोई जिला है वहां किसी एक गांव में 40 मरीज कोरोना के निकलते हैं तो पूरे जनपद को लॉक डाउन करना कोई बुद्धिमता का काम नहीं है ।बिल्कुल यह सत्य बात है इसमें जो है कोई दो राय नहीं है अगर उस केवल 1 गांव को लोक डाउन किया जाए और बिल्कुल सीज कर दिया जाए बाकी सारे 49 गांव के काम सुचारू रूप से चलाई जाए तो हम अर्थव्यवस्था को सुचारू कर सकते हैं और जो गांव इससे संक्रमित हैं और पीड़ित है उसकी मदद भी भली प्रकार से कर सकते हैं एक गांव जो  कोरोना से ग्रसित हो उसके आवाज में पूरे 50 गांव को बिठाकर सरकार सारी सुविधाएं मुहैया कैसे करा सकती है कुमारी के संगठन सामाजिक कार्यकर्ता कब तक इस लड़ाई को लड़ते रहेंगे इसके लिए आवश्यक है कि सरकार एक अच्छी रणनीति बनाए जिस एरिया में या करो ना संक्रमित मरीज पाए जाएं वहां पर जो है सिर्फ उसी एरिया को सील किया जाए इसके लिए पूरे जिले को सील न किया जाए इस और सरकार को ध्यान देना होगा ।

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