सभी सम्माननीय साथियों को सादर अभिनंदन साथियो मैं मृदुल शर्मा संस्थापक एवम अध्यक्ष राष्ट्रीय जागरूक युवा संगठन भारत से एक सामाजिक कार्यकर्ता हूं ।बहन सीमा घोष जी राष्ट्रीय जागरूक युवा संगठन की वरिष्ठ पदाधिकारी हैं ।उनके आग्रह पर लोक डाउन की अनुभूति प्रकट कर रहा हूँ । इस लॉक डाउन में सामाजिक दूरी और सम्पूर्ण लोक डाउन का पालन करते हुए अब तक का समय व्यतीत किया एवम इस समय कोविड 19 से लड़ने में जो योद्धा अपनी जान पर खेल कर कार्य कर रहे हैं जैसे डॉक्टर्स एवम मेडिकल स्टाफ , पुलिस अधिकारी एवम कर्मचारी , सफाई कर्मचारी ,पत्रकार , सक्रिय रूप से कार्य कर रहे समस्त विभाग, समाज सेवी एवम समाज सेवी संस्थाएं , साथ मे ऐसे में सभी मूलभूत आवश्यकताओं को पूर्ति करने वाले व्यापारी वर्ग दुकानदार दूध वाले उन्हें हृदय से नमन ।
सामाजिक कार्यकर्ता होनेके नाते एवम राष्ट्रीय स्तर पर rjys भारत ngo का संचालन करने के कारण इस आपदा में हेल्पलाइन नम्बर पर देश के विभिन्न स्थानों के भाई बंधुओ से, जो अधिकतर अपने परिवारों से दूर दूसरे प्रदेशों में फस गए हैं, संवाद हुआ उनकी समस्याएं सुनी और उनकी सहायता हेतु यथा संभव कार्य भी किये । इस समय अपनी सामाजिक गतिविधियों के कारण अपने परिवार से दूर दिल्ली में ही हूँ। लॉक डाउन शुरू होने के लगभग 8 दिन बाद से ही अन्य प्रांतों में जाकर कार्य कर रहे या घूमने गए लोगो के फोन आने लगे कि किसी प्रकार उन्हें अपने घर पहुंचाया जाए । हमने शासन प्रशासन से जो सहयोग मिला उससे एवम सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से सभी की मदद करने का प्रयास किया । उन लोगो का आत्मबल बढ़ाया।उन्हें संबल दिया। जहां है वही रहने के लिए कहा एवम उनकी जरूरतों सुरक्षा हेतु समय समय पर सम्पर्क में रहे और जो स्वयम से संभव हुआ किया इसमे समाजिक कार्यकर्ताओ का विशेष सहयोग मिला। साथ ही सामाजिक संस्थाओं से यह निवेदन भी किया किसीकी मदद करते वक्त फ़ोटो खींच कर लज्जित ना करें ।
राजस्थान से दिल्ली आए हुए कुछ लोगो की आर्थिक सहायता भी की एवम भोजन व्ययवस्था भी की गई। ऐसे ही महाराष्ट्र से अन्य स्थानों में फसे लोगो की सहायता करने का प्रयास किया गया गुजरात मे फसे मथुरा के लोगो की सहायता की गई। महाराष्ट्र में फसे उत्तर प्रदेश के लोगों की सहायता की गई ऐसे कार्यो में संलग्नता रही यह कार्य निरंतर जारी है।
कोविड 19 सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा है और इसकी भयावहता आने वाले समय मे देखने को मिलेगी । गरीब और निम्न मध्यम परिवार के लोगो के लिए यह बहुत ही खतरनाक होने वाली है । लाखो लोगो के रोजगार पर संकट है । आने वाले समय की अनिश्चितता से चिन्तित और व्यथित हैं।
समाज सेवी संस्थाओ द्वारा भोजन आदि की व्यवस्था की जा रही है जो कि अत्यंत सराहनीय है क्योंकि सामाजिक कार्यकर्ता अपनी जान पर खेल कर मुसीबत के समय जरूरत मन्दो को भोजन प्रसाद वितरित कर रहे हैं साक्षात ईश्वर से कम नहीं हैं ।
जीवन के लिए अन्य महत्वपूर्ण वस्तुओ की आवश्यकता होती है जिसके लिए धन की आवश्यकता पड़ती ही है ग़रीबी रेखा से नीचे जीवन जीने वाले लोग भोजन के लिए लाइन में लग सकते हैं और भोजन ले सकते है उससे ज्यादा मरना उन लोगों का होगा जो किसी से मांग नही सकते और उनके पास कुछ होगा नहीं। स्वयम कोई जाकर उन्हें देगा नहीं।
सरकारों द्वारा गरीबो के लिए अनेक दावे और घोषणाएं हो रही हैं धरातल पर सरकार से ज्यादा सामाजिक संस्थाएं कार्य करती नज़र आ रहीं हैं।
पर्यावरण की बात की जाए तो निश्चित रूप से प्रदूषण तो खत्म ही हो गया है क्योंकि ना फेक्ट्री चल रहीं ना मोटरयान। जल प्रदूषण की बात करें नदियों में गिरने वाले गंदे नाले रोक दिए जाए तो शुद्धता और निर्मलता वापस आ सकती है। वैसे नदियों का जल पहले से अधिक शुद्ध हो चुका है । यह एक सकारात्मक लाभ मानव प्रजाति को मिला है पर्यावरण शुद्ध हुआ है।
मनुष्य को भागदौड़ की जिंदगी में स्वयम से मिलने का अवसर नही मिल पाता था इस लॉक डाउन में आत्मसाक्षात्कार का अवसर मिला है खुद से हुई भूल व चूक को सुधार आगे बढ़ने का सही समय इस लॉक डाउन ने हमे दिया है ।
ध्यान और योग ऐसी क्रियाएं है जिनकी सहायता से हम स्वयम को आंतरिक और शारीरिक रूप से मजबूत कर सकते हैं।इसे हमने अपने जीवन का अंग बना लिया है ।
अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए आज हम सबके पास इंटरनेट, मोबाइल और इनमें गूगल यूट्यूब मौजूद है । आप अपनी स्किलक्स डेवेलोप कर सजते हैं। यह अच्छा अवसर है। लॉक डाउन में मोबाइल सभी का साथी बना हुआ है और हमारा भी जिसके माध्यम से आप जैसे सभी महानुभावो से हम जुड़े हुए हैं ।
आने वाले समय में इस महामारी के कारण जीवन शैली पर प्रभाव पड़ सकता है। जैसे मास्क लगाना अनिवार्य हो सकता है। सामाजिक दूरी भी अनिवार्य हो सकती है। अब हम सब डिजिटली साथ रह कर कार्य कर सकते हैं।
आत्मा एक दुसरे के सहयोग में रहेंगी माध्यम होगा इंटरनेट। खैर एक दूसरे का यथा सामर्थ्य साथ दें । अपने लोगों की समस्या को भांप कर आवश्यकतानुसार कदम बढ़ाकर सहयोग अवश्य करें। तब ही हम इस प्राकृतिक आपदा से जीत पाएंगे।
संघे शक्ति कलयुगे ।
इस सब के बीच संस्था का ब्लॉग संचालित किया गया है जिस पर ब्लॉगिंग भी शुरू की गई। जिसमे लेखक एववम लेखिकाओं का सहयोग मिल रहा है ।इसके लिए आप सभी का सहयोग भी अपेक्षित है। ब्लॉग हेतु जन उपयोगी लेख , ज्ञानवर्धक, राष्ट्रवादी लेख , आमंत्रित है। आप स्वयम इस ब्लॉग के एडिटर के रूप में स्वयम कार्य कर सकते हैं ।
इसके लिए अपनी ईमेल आई डी 9759348402 पर मेल कर सकते हैं । अपने विचार, लेख, रचनाएं एवम सामाजिक कार्य भी प्रेषित कर सकते हैं। आवश्यक सुझाव भी दे सकते हैं।
sahyogsamiti.blogspot.com
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उन सभी सामाजिक संस्थाओं के देवदूतों
जवाब देंहटाएंको हृदय सेआभार जो इस वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के संकट से जूझते प्राणियों जानवरों पक्षियों आदि की तन मन और धन से सेवा निस्वार्थ रूप से कर रहे हैं एवं आवश्यकता पता होते ही तुरंत वहां तक आवश्यक वस्तु भेज देते हैं ऐसे सभी कोरोना योद्धाओं को मेरा हृदय से प्रणाम।
मैं ईश्वर से कामना करता हूं कि ऐसे सभी योद्धाओं को तन मन एवं धन की शक्ति प्रदान करें ताकि ऐसी निस्वार्थ सेवा जरूरतमंद तक पहुंचती रहे।
प्रकृति से छेड़छाड़ का परिणाम कभी सुखदाई नहीं हो सकता ।
दिनेश अग्रवाल
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