शनिवार, 18 नवंबर 2023

सहयोग समिति संस्था मथुरा द्वारा किए जाने वाले कार्य

 ब्रज क्षेत्र मथुरा में सहयोग समिति संस्था ने रोजगार सृजन केंद्र की स्थापना की हुई है।

जहां युवाओं को महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का कार्य किया जा रहा है , भारत सरकार के कौशल विकास मिशन की योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को सिलाई का निशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है एवम युवाओं को असिटेंट इलेक्ट्रीशियन का कोर्स कराया जा रहा है।

महिलों के लिए ब्यूटी पार्लर का कोर्स भी निशुल्क प्रारंभ किया गया है अनेक महिलाएं इसका लाभ ले रही हैं और रोजगार प्राप्त कर रही हैं।

जिसकी रील्स भी शेयर की जाती रहीं हैं। उसके वीडियो भी पोस्ट किए गए हैं । राष्ट्रीय जागरूक युवा संगठन भारत के पेज पर यह सभी जानकारियां समय समय पर पोस्ट की जाती रहती हैं।

लगभग 500 महिलाओं को संस्था द्वारा लाभ दिलाया गया है इसी के साथ सरकार की ओडीओपी की योजना में भी लगभग 50 महिलाओं को निशुल्क सिलाई मशीन दिलाने का कार्य संस्था की अध्यक्ष भावना शर्मा द्वारा किया गया है।

संस्था के पदाधिकारी संस्था के उद्देश्यों को पूर्ण करने हेतु कार्य कर रहे हैं संस्था से ऐसे लोगों को चयन कर जोड़ा जा रहा है जो समाज के लिए देश के लिए कार्य करने की लालसा रखते है।

जैसा कि आप सभी को मालूम है राष्ट्रीय जागरूक युवा संगठन भारत समाजसेवी व्यक्तित्वों का ऐसा प्लेटफार्म है जहां महिलाओं को और युवाओं को आगे बड़ने का अवसर प्रदान करता है।

शासन प्रशासन से संपर्क स्थापित कर देश की जनता तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के साथ साथ गरीब असहाय लोगों को न्याय दिलाने का कार्य भी संगठन द्वारा किया जाता है।

संस्था निरंतर अपने उद्देश्यों को पूर्ण करने हेतु एक के बाद एक योजनाओं पर कार्य करती रही है अपने नए नए प्रयोगों से समाज में जागरूकता लाने का कार्य भी किया गया है।

संस्था में सक्षम और देश सेवा करने के इच्छुक नागरिकों का स्वागत है । वे आएं और संस्था के पुनीत कार्यों में सहभागी बने। संस्था शीघ्र ही दिव्यांगों के लिए एक विद्यालय और पुनर्वास केंद्र की स्थापना करने जा रही है।



शुक्रवार, 17 नवंबर 2023

व्यक्ति के लिए धन का महत्व

 वर्तमान में व्यक्ति के लिए धन का महत्व सबसे अधिक है शायद लोग इसलिए कहते हैं कलयुग है ।



धन का महत्व हो भी क्यों ना धन के आधार पर ही रिश्तों का महत्व है रिश्ते धन हो तो हैं धन नहीं है तो खून भी खून को नहीं पहचानता । यह आज का सत्य है इसे झुटलाया नहीं जा सकता।

सब भौतिकतावादी हो गए हैं। इंसानियत तो मानो मर गई है जिनमे बची है वो भी सबको देख कर एक ना एक दिन बदल ही जाएंगे। बचपन में सोचा करते थे कि आखिर सक्षम व्यक्ति क्यों नहीं किसी की हेल्प करता क्यों नहीं सहयोग करता अपना कारोबार बढ़ाता है अपने नौकरों को नौकर ही रखता है धन अधिक होते हुए भी क्यों नहीं अपने नौकर का जीवन सरल बनाता आज 42 की उम्र में सब समझ आ गया है। लोगों का जीवन स्वयं को मजबूत करने में ही निकल जाता है। स्वयं को स्थापित करने में स्वयं को धनवान बनाए रखने में दिखावा करने में ही निकल जाता है।

सत्संग में जाकर प्रवचन सुनने वाले लोग सत्संग की बातों को सत्संग में ही छोड़ आते हैं। घर आकर दुनिया के तौर तरीकों से चलना होता है।

यहां लोग सिर्फ अपने लिए सोचते हैं अपने लिए करते हैं दूसरों के लिए सोचने वाले लोगों को भी दूसरे नजरिए से देखा जाता है 

हालात यह है कि निस्वार्थभाव से सेवा करने वालों को भी लोग थी सोचते हैं इनको कोई लाभ होगा इसलिए यह सेवा कार्य कर रहे हैं। लोगों की मानसिकता ही सिर्फ धन पर और धनवान बनने तक ही सिमट गई है । उनकी सोच पैसे से शुरू और पैसे पर खत्म है। 

हो भी क्यों न पैसा है तो सब पूछते हैं नहीं है तो कोई पहचानता भी नहीं। 

परंतु एक बात है यह ब्रह्माण्ड आपके कर्मों को जरूर देखते है यह अदृश्य शक्ति आपके कर्मों को देख रही है जो बिलकुल नहीं चूकती । इसका गणित एकदम सटीक है । 

धन के लिए अपनों से धोखा देने वालों , धन के लिए षड्यंत्र रचने वालों वो अदृश्य शक्ति सबका हिसाब रखती है । इंसानियत जिंदा रखो। धर्म के साथ चलो अधर्म का तो नाश निश्चित है। 

भौतिकता की दौड़ में मत उलझो मानव जीवन का मूल्य समझ सादा जीवन उच्च विचार की विचार धारा पर चलना ही सरल है।

सांसारिक जीवन में दौड़ कभी खत्म नहीं होनी है और जीवन का पता नहीं कब खत्म होना है । जिसने संसार में जन्म लिया है वह इस इस मकड़जाल में फंस ही गया है जीने के लिए धन दौलत जरूरी है। मनुष्य इसी मकड़जाल में अपना जीवन पूर्ण कर लेता है और चला जाता है।

संतोषी सदा सुखी।

पहले बुजुर्ग लोग कहा करते थे  और यही सत्य है। 

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