मंगलवार, 22 जून 2021

कोरोना और बेरोजगारी


 आज कोरोना की दो लहर भारत मे भारी तबाही मचा चुकी हैं जमीनी हकीकत देखी जाए तो अधिकतर लोगों की आर्थिक स्थिति चरमरा गई है , सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाएं नाकाफी साबित हो रहीं हैं। 

इस त्रासदी के दौरान अनेक बच्चे अनाथ रह गए हैं। अनेक परिवारों के सिर से परिवार के मुखिया का साया उठ चुका है आने वाले समय मे ऐसे परिवारों के सामने संकट ही संकट है किन मुश्किलों और परेशानियों में ये लोग जिंदगी को आगे बढ़ाएंगे क्या क्या समस्याओ का सामना करेंगे यह सिर्फ वही लोग ही जान सकेंगे।


एक तरफ देश मे यह देखने को मिल रहा है लोग नशे के आदि हैं उन्हें किसी की समस्याओ देश दुनिया के हालातों से कोई फर्क नहीं है ऐसा नही सभी शराब गांजा अफीम लेने वाले अमीर ही हैं ऐसे लोगो की संख्या कम नहीं जिनके खाने के भी लाले पड़े हुए हैं पर उन्हें नशा अवश्य ही करना हैं।

 लॉक डाउन के दौरान सबसे पहले ठेकों को खुलना इस बात को इशारा करता है कि सरकार को भी अपनी आर्थिक स्थिति ठीक करने के लिए इस कारोबार का सहारा लेना पड़ता है जैसे जैसे लोगो के आर्थिक हालात खराब हो रहे हैं दूसरी तरफ सरकार पेट्रोल डीजल के दामो में लगातार वृद्धि कर आम जनमानस का क्या सहयोग कर रही है यह समझ से परे है।

घरेलू गैस पर भी महगाई की मार पड़ रही है

महगाई नही है तो बस किसानों द्वारा उत्पादन किये गए अनाज पर फल और सब्जियों पर दालों पर।

यही चीजें जब उद्योगपतियों के गोदाम में पहुंचती हैं तो महंगी हो जाती है।

यही बहुत बड़ी समस्या है किसानों के आर्थिक हालात नही सुधरने वाले जो गरीब है वह और गरीब होता जा रहा है जो अमीर है वो और अधिक अमीर, माध्यम वर्गीय परिवार तो बस इज्जत बचाने और अस्तित्व बचाने के प्रयासों में लगा हुआ है।


ऐसी विषम परिस्थितियों में लोगों को अपनी ख्वाहिशो को छोड़ आवश्यकताओं पर ध्यान देने की जरूरत है ।

साथ ही सक्षम लोगो को देश मे रहने वाले उनके आसपास रहने वाले नागरिकों की स्थिति जान कर जो भी समकभाव हो सहायता करने की जरूरत है।



यदि आर्थिक सहयोग नही कर सकते तो मनोबल बढ़ा कर लोगो को मानसिक बल प्रदान कर सकते है जिससे उनकी विषम परिस्थिति में आगे बढ़ने और जिंदगी बचाने में बड़ा योगदान हो सकता है।

बेरोजगारी चरम पर है युवाओ को समझ नही आ रहा है कि क्या करें क्या ना करें?

ऐसे में हम लोग प्रयास में है युवाओ को नागरिकों को ऐसे संकट के समय मे मानसिक बल प्रदान करें एवम बेरोजगारी को खत्म करने हेतु एक अच्छे उपाय की तलाश कर रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में कदम उठाए जाएं।

आज के अधिकतर  युवा पैसे तो कमाना चाहते हैं परन्तु बिना मेहनत के ।

युवाओ कोइस मानसिकता को बदलना होगा यदि पैसे कमाने हैं तो मेहनत करनी होगी।

दूसरा यह किसी एक प्रोजेक्ट या किसी एक काम को पूरी लगन और मेहनत से किया जाए तब ही सफलता मिल सकेगी ना कि अनेक कार्यो में खुद को संलग्न करके।

ऐसे अनेक उदाहरण हैं और पुरानी कहावत भी है एक ही साधे सब सधें सब साधे सब जाय।


जीवन का एक लक्ष्य बनाओ और निरंतर प्रयास करो सफलता आपके कदम चूमेगी।


आपकी सभी समस्याओं का समाधान होगा।

उठो जागो और काम शुरू करो अपने लक्ष्य की प्राप्ति की ओर जुट जाओ । 


जय हिंद जय भारत वंदे मातरम।


मृदुल शर्मा

राष्ट्रीय अध्यक्ष 

राष्ट्रीय जागरूक युवा संगठन भारत।

राष्ट्रीय संरक्षक 

आर जे न्यूज़ भारत।

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