सोमवार, 11 मई 2020

सरकार ने अन्य प्रांतों में फसे लोगो को पहुंचाने के लिए शुरू की रेल सेवाएं

सरकार ने अन्य प्रान्तो में फसे लोगो को घर पहुंचाने हेतु रेल सेवाएं शुरू की हैं।
बुकिंग शुरू होने से पहले ही बुकिंग पूरी हुई। यानी सभी बुकिंग पूरी हो चुकीं अब भी अनेक लोग अपने अपने घर जाने को परेशान हैं।
17 मई तक की बुकिंग पूरी हो गईं हैं।

सरकार के सामने बहुत बड़ी चुनोती है । कोविड19 लगातार पूरे विश्व मे अपने पैर पसार रहा है और इसका इलाज भी नहीं मिल पा रहा है। यह ऐसी भयावह स्थिति की ओर इंगित करता है जिसका सामना सभी को करना ही है। सरकार भरसक प्रयास में है । भारत मे कोरोना संक्रमण के फैलने की गति धीमी सरकार के अथक प्रयासों से हुई है । अन्यथा अब तक तबाही मच चुकी होती।
परन्तु इस उहा पोह में गरीबो की हालत और बिगड़ती जा रही है। नोकरी करने वाले आम लोग बेहद परेशानी का सामना कर रहे हैं अन्य प्रांतों में किराए पर राह छोटी नोकरी कर अपना जीवन यापन करने वाले लोगो के साथ बेहद ना इंसाफ हो रही है । मकान मालिक अपने किराए के लिए परेशान हैं दूसरी तरफ जहां काम करते थे वहां सेलरी भी रोकी हुई है इसके बाद लोक डाउन में कोउ सहयोग कहीं से मिलने के सारे रास्ते बंद हैं गाडिब मजदूर और मजबूर जाए तो जाए कहां।

ऐसे में जो लोग वेतन रोक के पड़े हुए हैं उनके अंदर का मनुष्य मार चुका है। सरकार को इनपर सख्त एक्शन लेना होगा। इसके लिए हेल्पलाइन को सक्रिय रखना होगा एक्शन मोड़ में रखना होगा। ऐसे मानवता के दुश्मनों को दंडित अवश्य करना चाहिए।


एक तरफ लोग इस संकट के समय मे दोनो हाथों से दान देकर लोगों के सहयोग में लगे हुए हैं । बहुत सारे कोरोना योद्धा अपनी जान दाव पर लगाकर लोगों के जीवन को बचाने में लगे हैं । दूसरी तरफ कुछ ऐसी प्रवृति के लोग हैं जो लोगों के मेहनत के पैसे को भी देने में ना नुकुर कर रहे हैं। यदि सक्षम होते हुए भी ऐसी स्थिति में इस प्रकार शोषण करे तो उसे दण्डित करना आवश्यक हो जाता है।


सरकार के प्रधानमंत्री एवम मुख्यमंत्री जिस मंशा के साथ कार्य कर रहे हैं सरकार के अफसरों को उसी मंशा के साथ कार्य करना चाहिए। परन्तु ऐसा प्रतीत होता है कि बहुत कम उच्च अधिकारी इतनी गंभीरता से जनता की समस्याओं को समझने और उन्हें निपटाने पर विचार कर रहे हैं जो हेल्प लाइन नम्बर दिए जा रहे हैं उनसे कोई सन्तोष जनक जबाब नही मिल रहा है। 


आम नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।सरकार की दोहरी नीति भी कहीं कहीं नजर आ रही है अमीर लोगों को विदेशो से भी बुलाया जा रहा है और गरीबो को आप के घर पहुंचाने में विलंब किया जा रहा है समुचित व्यवस्थाएं नही की जा रहीं। 
यहां हमने दोनों पक्ष रखने का प्रयास किया है जिस स्थिति से लोग गुजर रहे हैं वह भी हमने प्रदर्शित किया है। आपके सुझाव भी आमंत्रित हैं।



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